________________
तितिक्षा के तप से गढ़ो मन - देह (खं - 2- १२)
इतना तप करने से वह (ब्रह्मचर्य का) तप हो ही जाएगा। महावीर भगवान ने यही किया था न! सभी ने यही किया था न !
२६९
प्रश्नकर्ता : इस निश्चय को टिकाकर रखने के लिए कोई उपाय नहीं हो पाते।
दादाश्री : यही उपाय है।
प्रश्नकर्ता : आप कहते हैं, फिर भी मानसिक तैयारी नहीं हो पाती अंदर से ।
दादाश्री : तो फिर हमने कहाँ मना किया है, शादी करने
को ?
प्रश्नकर्ता : आपने तो नहीं कहा लेकिन हमने तो देखा है न! ऐसा प्राप्त होने के बाद, अब तो गलती कर ही नहीं सकते।
दादाश्री : तो फिर डिसाइड करने के बाद कुछ नहीं छू सकता! डिसीज़न लेने के बाद अगर ऐसे ढीला बोलोगे तो बल्कि चढ़ बैठेगा। 'गेट आउट' कहने से थोड़ा-बहुत बाहर भाग जाएगा। जब वापस आए तो वापस 'गेट आउट' कहना ।
कंदमूल पोषण दें विषय को
देखा देखीवाला ब्रह्मर्चय व्रत नहीं टिकता। इसलिए फिर जो करना हो, वह करे। लेकिन मैं तो चेतावनी देता हूँ कि ब्रह्मचर्य पालन करना हो तो कंदमूल नहीं खाने चाहिए।
प्रश्नकर्ता : कंदमूल नहीं खाने चाहिए ?
दादाश्री : कंदमूल खाना और ब्रह्मचर्य पालन करना, यह रोंग फिलॉसॉफि है, विरोधी है ?
प्रश्नकर्ता : कंदमूल नहीं खाना, वह जीव हिंसा की वजह से है या दूसरा कोई कारण है ?