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विश्लेषण, विषय के स्वरूप का ( खं- 1-1)
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समझो ब्रह्मचर्य की कमाई
प्रश्नकर्ता : ब्रह्मचर्य से क्या फायदे होते हैं ?
दादाश्री : इस अब्रह्मचर्य से क्या फायदा हुआ आपको, यह बताओ पहले। बेटा-बेटी हुए। वह क्या कोई कम फायदा है ? निरा व्यापार ही है न, फायदा ही हुआ न! हिन्दुस्तान में कई लोग रोते हैं। ‘क्यों, क्या हुआ भाई ? आपको क्या तकलीफ आ गई ?' मैं जैन बनिया, मेरी बेटी भागकर सुथार के यहाँ चली गई और उससे शादी कर ली। तो देखो, स्वाद आया न! कैसा मीठा स्वाद आया?। फिर घर में सभी के मन में ऐसा होता है कि इससे तो यह लड़की नहीं होती तो अच्छा था !
प्रश्नकर्ता लेकिन किस फायदे के लिए ब्रह्मचर्य पालन करना चाहिए ?
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दादाश्री : यदि यहाँ पर हमें कुछ लगा हो और खून निकल रहा हो तो फिर बंद क्यों करते हैं ? क्या फायदा?
प्रश्नकर्ता : ज़्यादा खून न बह जाए ।
दादाश्री : खून बह जाए तो क्या होगा ?
प्रश्नकर्ता : शरीर में बहुत वीकनेस आ जाएगी।
दादाश्री : तो यह अधिक अब्रह्मचर्य से ही वीकनेस आ जाती है। ये सभी रोग अब्रह्मचर्य की वजह से ही है। क्योंकि जो कुछ खाना खाते हो, पीते हो, सांस लेते हो, इन सभी का परिणाम होते, होते, होते उसका... जिस तरह इस दूध से दही बनाते हैं तो दही, वह अंतिम परिणाम नहीं है । दही से फिर वह होते होते फिर मक्खन बनता है, मक्खन से घी बनता है। घी वह अंतिम परिणाम है। उसी तरह इसमें ब्रह्मचर्य पुद्गलसार है पूरा !
यह खून बह जाए तो हर्ज नहीं, लेकिन पुद्गलसार निकल जाए तो मुश्किल है, बहुत हानिकारक । अभी तक पूरण किया,