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तीर्थंकर चरित-भूमिका
(भुवन-पतिदेवोंके इन्द्र २०) ११- चमरचंच ' नगरीका स्वामी 'चमरेन्द्र' इन्द्र, अपने
लाखों देवताओं सहित आता है। १२-'बलिचंचा' नगरीका स्वामी 'बलि' इन्द्र, अपने
देवताओं सहित आता है। १३-धरण नामक इन्द्र, अपने नागकुमार देवताओं सहित
आता है। १४-भूतानंद नामका नागेन्द्र, अपने देवताओं सहित
आता है। १५-१६-विद्यत्कुमार देवलोकके इन्द्र हरि और हरिसह
आते हैं। १७-१८-सुवर्णकुमार देवलोकके इन्द्र वेणुदेव और वेणुदारी
आते हैं। १९-२०-अग्निकुमार देवलोकके इन्द्र अग्निशिख और अग्नि
माणव आते हैं। २१-२२-वायुकुमार देवलोकके इन्द्र वेलम्व और प्रभंजन
आते हैं। २३-२४-स्तनित्कुमारके इन्द्र सुघोष और महाघोष आते हैं। २५-२६-उदधिकुमारके इन्द्र जलकांत और जलप्रभ ,, , २७-२८-द्वीपकुमारके इन्द्र पूर्ण और अविशष्ट , २९-३०-दिक्कुमारके इन्द्र अमित और अमित वाहन,, ,,
१-भुवनपतिदेव रत्नप्रभा पृथ्वीमें रहते हैं । रत्नप्रभा पृथ्वीका जाडापन १८०००० योजन है।
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