Book Title: Tattvarthshlokavartikalankar Part 1
Author(s): Vidyanandacharya, Vardhaman Parshwanath Shastri
Publisher: Vardhaman Parshwanath Shastri
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तत्त्वार्थचिन्तामणिः
पानीका घडा, पुरु, लोटा, गिलास आदि वर्तनास मापनको संख्याका परिमाण हो सकता है किन्तु आपको तो यह ज्ञान नहीं है कि पूरे समुद्र में कितने घडे पानी है । अतः पानीकी घड़ों के द्वारा विद्यमान परन्तु नहीं जानी जारही संख्या में ज्ञापकानुपलम्भन हेतु रह गया और नास्तित्व साध्य तो वहां नहीं है । अर्थात् समुद्र के पानी में घडोंकी संख्याका परिमाण है किंतु आपके पास उनका ज्ञापक प्रमाण नहीं है, इस कारण आपका हेतु व्यभिचारी है ।
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न हि पयोनिधेरम्भः कुम्भादिसंख्यानानि स्वयं परैरेज्ञायमानतयोपगतानि न सन्ति येन तैर्व्यभिचारि ज्ञापकानुपलम्भनं न स्यात् । समुद्राम्भः कुम्भादिसंख्यानं बहुम्भस्त्वात् कूपाम्भोवदित्यनुमानात् न तेषामज्ञायमानतेति चेत्, नातो विशेषेणासिद्धेस्तत्संख्या समात्रेण व्यभिचाराचोदनात् ।
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समुद्र के जलकी घडोंसे मापने की संख्याको आप मीमांसकोंने स्वयं नहीं जानने योग्य ( लायक) पसे स्वीकार किया है। इतने स्वीकार करने मात्र से समुद्र के जलकी घडोंसे संख्या नहीं हो सकती है, यह नहीं मानना चाहिये । जिससे कि आपका ज्ञापकानुपलम्भन हेतु घडोंकी संख्याअसे व्यभिचारी न हो सके, आपका न जानना किसीके अभावका साधक नहीं हो सकता है 1 स्यात् (शायद) आप अनुमान द्वारा यह कहे कि समुद्रका जल वडे आदिककी मापसे गिना जा सकता है क्योंकि उसमें बहुतसा पानी है जैसे कि कुएंका जल घडोसे या पुरोंसे मापा जाता है । इस अनुमानसे समुद्र के जलका घडोंसे माप किया जा सकता है अतः हमारे पास समुद्रके जलकी संख्या करने का अनुमानरूप ज्ञापक प्रमाण है । न आनागयापन नहीं है । इस कारण हमारा हेतु व्यभिचारी नहीं है । इसपर आचार्य कहते हैं कि यह आपका कहना ठीक नहीं है क्योंकि पूर्वोक्त अनुमानसे आपने केवल घडोंकी सामान्य संख्याको सिद्ध किया है। विशेषरूपसे संख्या सिद्ध नहीं हुयी है। हमने आपके ज्ञापकानुपलम्भन हेतुका समुद्रके जलकी विशेष रूपसे ठीक ठीक ( अन्यूनातिरिक्त संख्याओंसे व्यभिचार दिया था, सामान्य घडोंकी केवल अटकल पच्चूकी संख्यास प्रेरित व्यभिचार नहीं दिया था । इस कारण आपका केवल अपनी आत्मा सर्वज्ञज्ञापक प्रमाणोंका न जाननारूप हेतु व्यभिचारी ही हुआ । गणितके जाननेवाले घडेकी लम्बाई, चौडाई, ऊंचाईका घनफल निकालकर और समुद्रका घनफल निकालकर विशेषरूपसे भी समुद्र के पानी की घढोंसे संख्या कर लेते हैं । लवणसमुद्रके पानीकी घडोंसे क्या किन्तु ( बल्कि ) रोमाओसे भी ठीक ठीक संख्या निकाली जा सकती है किन्तु लालसमुद्र, बंगालकी खाडी आदि उपसमुद्रकी ऊंची arat भूमियोंका तथा लहरोंकी या पानीकी ऊंचाई नीचाईका आप ठीक ठीक स्वासफल नहीं निकाल सकते हैं । अतः आपकी ठेकेदारीमें पडा हुआ ज्ञापकानुपलम्भन हेतु समुद्रके जलकी विशेष