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सहा | सहावी | नहं । थहरो । सोहइ || स्वरादित्येव । संखो | संधी | कथा | बंधी खंभो । असंयुक्तस्येत्येव । अक्खड़ । श्रव । कत्थइ । सिद्धयो । बन्बई | लभ || श्रादेरित्येव । गज्जन्ते खे मेहा | गच्छर घणो । प्राय इत्येव । सरिसव खत्तो । पलय-वणो । ऋथिसे । जि-धम्मो | पाठ भी | नर्म ॥
* प्राकृत व्याकरण *
अर्थ:-'ख' का 'घ' का, 'थ' का, 'घ' का और 'भ' का प्रायः '' उस समय होता है; जब कि ये वर्ण किसी भी शब्द में स्वर से पीछे रहे हुए हों; श्रमंयुक्त याने हलन्त न हों तथा उस शब्द में आदि अक्षर रूप से नहीं रहे हुए हो । जैसे- 'ख' के उदाहरणः - शाखा माहाः मुखम् = मा मेखला = मेहला और लिखति लिइ ॥ 'घ' के उदाहरण: - मेघ: मेहो; जयनम् जहणं; माघः माह और श्राघते - लाह ॥ 'थ' के उदाहरणः-नाथः = नाही; आवसथः = या बस हो; मिथुनम् - मिडुखं और कथयतिक ॥। 'घ' के उदाहरण:- साधुः साहू; व्याधः वाहो; बधिरः = बाहरी बाधते=बाद और इन्द्र-धनुः इन्द- हणू || 'भ' के उदाहरणः - सभा - महा; स्वभावः = सहावो; नमम्=नहं स्तन - भरः यणहरी और शोभते सोहर ||
प्रश्नः – 'ख' 'घ' आदि ये वर्ण स्वर के पश्चात् रहे हुए हो ऐसा क्यों कहा गया हैं ?
हुए हों तो उस अवस्था में इन वर्णों के स्थान पर 'ह' की - शंखः संखो । 'ध' का उदाहरण - संघ:- संघो । 'थ' का . बन्धः = बन्धो और 'भ' का आहरण- खम्भः =मों | इन के पश्चात् रहे हुए हैं, अतः इन शब्दों में 'ख' '' आदि वर्णों के स्थान पर 'ह' की प्राप्ति नहीं हुई है ।
उत्तर:- क्योंकि यदि ये वर्ण स्वर के पश्चात् नहीं रहते हुए किसी हलन्त व्यञ्जन के पश्चात रहे प्राप्ति नहीं होगी । जैसे:-'ख' का उदाहरण उदाहरण = कन्या कथा | 'घ' का उदाहरणशब्दों में 'ख' 'घ' आदि वर्ग हलन्त व्यभजनों
प्रश्न: - -'असंयुक्त याने हलन्त रूप से नहीं रहे हुए हों; तभी इन वर्षों के स्थान पर 'ह' की प्राप्ति होती है' ऐसा क्यों कहा गया है ?
उत्तरः---क्योंकि यदि ये 'ख' 'व' आदि वर्ण हलन्त रूप से अवस्थित हो तो इनके स्थान पर 'ह' की प्राप्ति नहीं होगी। जैसे- स्तू' का उदाहरण आख्याति = श्रक्वाइ । 'घ्' का उदाहरण- श्रते = अग्घइ । 'थ्' का उदाहरण - कथ्यते = कत्थइ । 'धू' का उदाहरण - सिध्यकः = सिद्धओ | बद्धयते = बन्धइ और 'भ' का उदाहरण - लभ्यते = लब्भइ ॥
प्रश्नः - 'शब्द में आदि अक्षर रूप से ये व' 'घ आदि वर्ण नहीं रहे हुए हों तो इन वर्गों के स्थान पर 'ह' की प्राप्ति होती है'; ऐसा क्यों कहा गया है ?
उत्तर:- क्योंकि यदि ये 'ख' 'घ' आदि वर्ण किसी भी शब्द में आदि अक्षर रूप से रहे हुए हों तो इनके स्थान पर 'ह' की प्राप्ति नहीं होती है । जैसे- 'ख' का उदाहरण - गर्जन्ति स्खे मेघाः = खे मेहा | 'घ' का उदाहरण - गच्छति घनः गम्बइ घणो ॥ इत्यादि इत्यादि ॥
गज्जन्ते