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और ३-२ से प्रथमा विभक्ति के एक वचन में अकारान्त पुल्लिंग में 'सि' प्रत्यय के स्थान पर 'ओ' प्रत्यय की प्राप्ति होकर द्वितीय रूप भमरो भी सिद्ध हो जाता हैं । ।। १-२४४ ।।
श्रादेर्यो जः ॥ १-२४५ ॥
* प्राकृत व्याकरण *
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पदार्यस्य जो भवति ॥ जसो । जमो | जाड़ । श्रादेरिति किम् । श्रवयवी । वि बहुलाधिकारात् सोपसर्गस्यानादेरपि । संजमो संजोगो । अवजयी || क्वचिन्न भवति । पश्रश्र ॥ श्रार्षे लोपोपि । यथाख्यातम् । श्रहखायं ॥ यथाजातम् । अहाजायं ॥
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अर्थः- यदि किसी पद अथवा शब्द के आदि में 'य' रहा हुआ हो; तो उस 'य' का प्राकृत रूपान्तर में 'ज' हो जाता है। जैसे:-यशः जसो | यमः जमो || याति जाइ ॥
प्रश्नः - 'य' वर्ण पद के आदि में रहा हुआ हो; तभी 'य' का 'ज' होता है; ऐसा क्यों कहा गया है ? उत्तरः--- यदि 'य' व पद के आदि में नहीं होकर पर के मध्य में अथवा अन्त में रहा हुआ हो; अर्थात् 'य' वर्ण पद में अनादि रूप से स्थित हो तो उस 'य' का 'ज' नहीं होता है । जैसे:- अवयवः अवयवो || विनयः = | इन उदाहरणों में 'य' अनादि रूप है; अतः इनमें 'य' का 'ज' नहीं हुआ है । यो अन्य पदों के सम्बन्ध में भी जान लेना ॥
'बहुलम्' सूत्र के अधिकार से यदि कोई पर उपसर्ग सहित है; तो उस उपसर्ग सहित पद में अनादि रूप से रहे हुए 'य' का भी 'ज' हो जाया करता है । जैसे:- संयमः- संजमो || संयोगः संजोगो ॥ अपयशःजसो || इन उदाहरणों में अनादि रूप से स्थित 'य' का भी 'ज' हो गया है। कभी कभी ऐसा पद भी पाया जाता है जो कि उपमर्ग सहित हैं और जिसमें 'य' वर्ण अनादि रूप से स्थित है; फिर भी उस 'य' का 'ज' नहीं होता है। जैसे:-प्रयोग: पश्रीश्री || आर्ष-प्राकृत - पत्रों में आदि में स्थित 'य' वर्ण का लोप होता हुआ भी पाया जाता है। जैसेः यथाख्यातम् अहक्वायं ॥ यथाजातम् - श्रहा जायं ॥ इत्यादि ॥
जस रूप की सिद्धि सूत्र संख्या १-११ में की गई है।
यमः संस्कृत रूप है । इसका प्राकृत रूप जमी होता है। इसमें सूत्र संख्या १-२४५ से 'य' का 'ज' और ३-२ से प्रथमा विभक्ति के एक वचन में अकारान्त पुल्लिंग में 'सि' प्रत्यय के स्थान पर 'ओ' प्रत्यय की प्राप्ति होकर जमी रूप सिद्ध हो जाता है ।
याति संस्कृत सकर्मक क्रियापद का रूप है। इसका प्राकृत रूप जाइ होता है। इसमें सूत्र संख्या १-२४५ से 'य' का 'ज' और ३-९३६ से वर्तमान काल के एक वचन के प्रथम पुरुष में संस्कृत प्रत्यय 'ति' के स्थान पर प्राकृत में 'इ' प्रत्यय की प्राप्ति होकर जाह रूप सिद्ध हो जाता है ।
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