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प्रियोदय हिन्दी व्याख्या सहित *
. एक संस्कृत अव्यय है : इसके स्थान पर चित्र होता है । इसमें मूत्र संख्या २-१८४ से 'एव' के स्थान पर आदेश रूप से चित्र को प्राप्ति होकर चिम रूप सिद्ध हो जाता है। ॥-६६ ||
शार्गे डातपूर्वोत् ॥ २-१०० ॥ शाङ्गेडात् पूर्वो अकारो भवति ।। सारङ्गम् ।।
अर्थ:-संस्कृत शब्द 'शाह' के प्राकन-रूपान्तर में 'ड' वर्ग के पूर्व में (अर्थात् हलन्त 'र' ध्य-जन में) 'अ' रूप आगम को प्राप्ति होती हैं । जैसे:--शाङ्गम-सारङ्ग ।
शादर्शम् संस्कृत रूप है । इसका प्राकृत रूप सारण होता है। इसमें सूत्र संख्या १-२६० से 'श' का 'स'; २-६०० से हलन्त व्यजन 'र' में आगम रूप 'अ' को प्राति; ३.२५ से प्रथमा विभक्ति के एक वचन में अकारान्त नपुसक लिंग में 'सि' प्रत्यय के स्थान पर 'म' प्रत्यय की प्राप्ति और १-२३ से प्राप्त 'म' का अनुस्वार होकर सारंगम रूप सिद्ध हो जाता है। ॥२.०० ॥
दमा-श्लाघा-रत्नेन्त्यव्यजनात् ॥ २-१०१॥ एषु संयुक्तस्य यदन्त्यव्यञ्जनं तस्मात् पूर्वोद् भवति ॥ छमा ! सलाहा । रयां । पार्षे सूक्ष्मे ऽपि : सुहमं ।।
अर्थ:--संस्कृत शब्द 'क्ष्मा, श्लाघा और रत्न' के प्राकृत रूपान्तर में इन शब्दों में स्थित संयुक्त व्यञ्जन के अन्त्य व्यजन के पूर्व में स्थित हलन्त व्यजन में श्रागम रूप 'अ' की प्राप्ति होती है । जैसे:-मान्छमा; श्लाघा सलाहा और रत्नम् = रयणं ॥ आर्प-प्राकृत में 'सूक्ष्म' शब्द के रूप में भी संयुक्त व्यक्त व्यजन 'दम' में स्थित हलन्त व्यञ्जन 'क्ष' में श्रागम रूप 'अ' की प्राप्ति होती है। जैसे:--सूक्ष्मम् = सुहमं ।।
छमा रूप की सिद्धि सूत्र संख्या २-१८ में की गई है।
इलाधा संस्कृत रूप है । इसका प्राकृत रूप सलाहा होता है । इसमें सूत्र संख्या २.१०१ से हलन्त घ्य जन 'श' में श्रागम रूप 'अ' की प्राप्ति; १-२६० से प्राप्त 'श' का 'स'; और १-१८७ से 'घ' के स्थान पर 'ह' रूप आदेश की माप्ति होकर सलाहा रूप सिद्ध हो जाता है।
रतम् संस्कृत रूप है। इसका प्राकृत रूप रयणं होता है। इसमें सूत्र संख्या २.१०१ से हलन्त 'त' में श्रागम रूप 'अ' की प्राप्ति; १-१७७ से 'त' का लोप; १-१८० से शेष रहे हुए एवं आगम रूप से प्राप्त हुए 'अ' को 'य' की प्राप्ति १-२२म से 'न' के स्थान पर 'ण' की प्राप्ति; ३.२५ से प्रथमा विभक्ति के एक वचन में अकाराम्त मसक लिंग में 'सि' प्रत्यय के स्थान पर 'म्' प्रत्यय की प्राप्ति और १-२३ से प्राप्त 'म्' का अनुस्वार होकर रयणं रूप सिद्ध हो जाता है।