Book Title: Prakrit Vyakaranam Part 1
Author(s): Hemchandracharya, Ratanlal Sanghvi
Publisher: ZZZ Unknown
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दुधाई म. (दुःखानि) अनेक प्रकार के संकट; ] दूसासमो. शासनः) कौरवों का-पाई.१-४३ । १.३३ ।
दूहवो वि. (दुभंगः) प्रभागा; प्रिय, अविष्टः १.११॥ दुनियामा वि. (दुःखितः) पोति, पुहिता १.१३ । ।
दुक्खिा वि. (दुखिता) दुखयुक्त; २-७२। दूहिओ वि. (युःखितः) दुखयुक्त; १.१३ । दुगुल्लं बर्ष (दुकूलम्) परुन, महिन कपड़ा, १-११९ दे ब. (संमुखी करणे निपातः) सम्मल करने के दुपाएवी स्त्री. (दुर्गा देवी) पार्वती, देवी विशेष : १.२७० धर्म में मथता सखी के थामन्त्रण गर्ष में दुग्गावी श्रीः (दुर्गा देवी) गौरी, पार्वती; देवी विशेषः । प्रयोक्तम्प अम्यय; २-१३।
देवरो पु. (देवरः) देवर, पति का छोटा भाई-१८. दुखं न. (दुग्धम्) अष, खीर, २५७,८९।
देउलं म. (देव कुलम्) देव कुरु। १.२७१। तुमचो वि. (द्विमात्रः) दो मात्रा वाला स्वर-वर्ण; १-९४ देन्ति सक. (ददाम्ते) वे वेते हैं; १-२०४ । दरवगा. म. दुरवगाहम) स्नान करने में.फठिनाई वाला | देरं न. (द्वारम्) दरवाजा, १-४९; २-११२ स्थान; १.१४
व पु० (देव) ऐन, परमेश्वर, स्वाधिदेव; Pur दुरुत्तरं न. (दुरुत्तरम्) अनिष्ट उत्तर; उतरने में असक्यः । वेवउलं न. (देव कलम्) येव कुल १-१७१।
1 देवत्थुई, देवथुई स्त्रो. (देव-स्तुतिः) वेबका गुलाबाद दुरहो (द्विरेफः) भ्रमर, भवरा; १-९४ ।। दुवयणं न, विवचनम्) दो का बोधक व्याकरण प्रसिद्ध देवदत्तो पु. (देवदत्तः) वेदत्त; १-४६ प्रत्ययः १-१४।
देवं पु० (देव) १-२६ । दुवारं न. (द्वारम) दरवाजा; २-११२ ।
देवाई न. (देवाः) देव-वर्ग; १-३४। दुवारिश्रो पु. (दौवारिकाः) द्वारपाल; १-१६० ।
देवा पु. " " " दुवालसंगे (भाष न.) (द्वादशांगे) मारह जैन मागम ग्रन्यों |
देवाणि म. . . " मैं; १-२५४ ।
देवनाग-सुषण्ण म. दिव-नाग मुरणं) वस्तु-विशेष का दुदिहो वि. (द्विविधः) दो प्रकार का: १-९४ ।
नाम: १-२६। दुसहो वि. (दुस्सहा) जो फठिनाई से सहन किया जा देवरो पु० (देवरः) पति का छोटा भाई; १-१४६ ।
देवासुरी वि. (देवासुरी) देवता मोर राक्षस सम्बंषी दुस्सहो वि. (दुस्सहः) जो दुःख पूर्वक सहन किया जा १-७६ ।
देवो पु. (देव-) देवता -१७७ । दुहवो दुहनो बि. (दुभंग:) खोटे भाग्य वाला, अभागा, देव्वं न, (देवम् ) भाग्य, भारव्य, देव, पूर्व कृत कम; अप्रिय, अनिष्ट, १-११५, १९२ ।
१-५३) दुहं न. (दुःखम) दुःख, कष्ट, पीड़ा; २७२। देसित्ता स. कृ. (दयित्वा) कह कर उपदेश देकर; दुहा अ. (द्विधा) दो प्रकार का; १-१७ ॥
१-८८ । दुहाइ वि. (द्विषाकृतम्) दो प्रकार से किया हुआ; दोला स्त्री. (वाला) झूला, हिंगोला; १-२१७ । १.९७, १२६ ।
दोवयणं न. ( द्विवचनम् ) दो का बोधक व्याकरण दुहिए वि. ( दुःखितके ) पीड़ित में, दुःखयुक्त में;
प्रसिद्ध प्रत्यय ६-१४ । २-१६४।
दोहलो पु. ( दोहदः } गर्भिणी स्त्री का मनोरप; दुहिया स्त्री. (दुहिता) लड़की की पुषी; २-१२६ ।
१-२१७, २२१ । ब. (दुःखितः) पंडित, दुःखी; १-१३ ।
दोहा अ. (द्विधा) दो प्रकार (वाला) १.९७ । दूसहो पुदि (दुस्सहः) जो दुःख से सहन किया जाय;/ दोहाइडं वि. (द्विधा कृत.) जिसका दो खण्ड किया गया १-१३, ११५ ।
हो वह; १९५।

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