Book Title: Prakrit Vyakaranam Part 1
Author(s): Hemchandracharya, Ratanlal Sanghvi
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 570
________________ ( २० तो दे. वि. (प्तः) पुष्ट छूआ हुआ; २-१३८ छुरो पुं० (भूरः) छुरा, नाई का अस्तूरा, पशु का नस, बाण २-१७ | स्त्री. (शुभ) भूख (तु) = १०१७, २६४ २-१७। छूढो वि. (क्षिप्तः) क्षिप्त; फेंका हुआ; प्रेरित; २-१२, १२७ । छू वि. (क्षिप्तम् ) फेंका हुआ प्रेरित २-१९ क्षेत्र पु० (छेद) नाश; १-७ 1 न. (क्षेत्रम्) आकाश, सेंट, वेश, माथि २-१७ J ( ज ) जड़ अ. (दि) यदि, अगर; १ ४०, २०२०४ । जइमा अ. सवं. ( यदि इमा) जिस समय में यह; १-४० अहं अ. सर्व (यदि अहम् ) जिस समय में में; यदि में; १०४० । जई पु. ( यतिः ) यति, साधू, जितेन्द्रिय, संयमी; :-१७७ । जऊँणा स्त्री. (यमुना नवी - विशेष यमुना १-१७८ । नणाय ज ऊँणयई न. ( यमुना-तदम् ) यमुना का किनारा; १-४ । जो अ, ( यतः ) क्योंकि, कारण कि; १ २०९ अक्खा पुं ( यक्षाः ) व्यन्तर देवों को एक जाति; २-८९, ९० । जज्जो वि. ( जम्पः) श्रो जोता जा सके यह जिस पर विजय प्राप्त की जा सके २-२४ । जट्टो पु' (जर्तः) वेश-विदेष; उस देश का निवासी; २-१०। जडालो वि. (जटिलो जटा युक्तः) जटा युक्त अम्ब कम्बे केश पारी; २-१५९ । जडिलो वि. ( जटिल : ) अटावाला जटाधारी; १- १९४ । जढरं, जढलं न. ( जठरम्) पेट उदर १-२५४ ॥ जणा पु. ( जमा: ) अनेक मनुष्य २-११४ । जगृम्भहिश्रा वि. (जनाभ्यधिकाः ) मनुष्य से भी अधिक २-२०४ । । जयहू पु. (अह,नुः) भरतवंशीय एक राजा; २-७५ जो म. (मतः ) क्योंकि, कारण कि; जिससे, जां से २- १६० । ) जन्म अ. ( यत्र ) जहां पर, जिसमें २-१६१ । जो अ. यतः ) क्यों कि, कारण कि जिससे, जहाँ से; २-१६० । सर्व (यत्) जो १-२४, ४२ २-१८४ २०६ जम (जमो ) पुं० . ( यमः ) यमराज; लोक-पाल देव-विशेष १-२४५ जमलं न. ( यमलम् ) जोड़ा; युगल; २-१७३ । जम्प - भरवसा न. ( अल्पितावसाने ) कह चुकने पर कपन समाप्ति पर; १-६ । अपिरो वि. (अस्पन-शील) बोलने वाला, भाषक, वाचाल २०१४५ । जम्मां न. ( जन्म) जन्म उत्पत्ति, उत्पात २-१७४ जम्मो न. ( अन्म) जन्म १-११, ३२, २०६१ ॥ जर स्त्री. (जरा) बुढ़ापा १-१०३ । जलं म. (जल) पानी; १-१३ जलेण न. ( जसेन) पानी से । २-१५५ । जलचरो, जलयशे पु. ( जल-चरा) जल निवासी जन्तु; १-१७७ । जलहरो पु० ( जल-परः ) मेष, बादल २-१९८१ जवणिज्जं जवणीष्टं वि. (यापनीयम्) गमन करवाने योग्य; व्यवस्था करवाने योग्य; १-२४८ जसो पुं० ( यशस्) यश, कीर्ति १-११, ३२, २४५ अह म. ( यथा) जैसे, १-६७ २-२०४ । जह अ. ( यत्र जहां पर, जिसमें २-१६१। जहणं न. ( जघनम् ) जंघा कमर से नीचे का माम; जहां अ. ( यथा) जैसे; १-६७ । जहि अ. (यंत्र) जहां पर २ - १६१ । जडिट्ठिलो पु. ( युधिष्ठिर:) एाष्ट्र राजा का ज्येष्ठ पुत्रः युधिष्ठिर; १९६, १०७ । जह्नुट्ठिलो पु. ( युधिष्ठिरः) युबिष्ठिर; १-९६, १०७, २५४ । जा म. ( यावत्) जब तक; १-२७१ । जाड़ क्रिया. (याति) वह जाता है; १-२४५ । जाएं. (शा) ज्ञान: २-८३ । जाम इल्लो पुं० ( यामवान्) पहरेदार सिपाही विशेष २-१५९ । जामात्र पुं० (जामातुकः) जामाता लड़की का पति १-१३१ । जारिसो वि. (पाहशः ) बेसा, जिस तरह का १-१४२

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