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| अट्ठमो उद्देसओ
| अष्टम उद्देशक
LESSON EIGHT
ARODAS
अग्राह्य-पानक निषेध
४४. से भिक्खू वा २ जाव समाणे से जं पुण पाणगजायं जाणेज्जा, तं जहा(क) अंबपाणगं वा (ख) अंबाडगपाणगं वा (ग) कविठ्ठपाणगं वा (घ) माउलिंगपाणगं वा (ङ) मुद्दियापाणगं वा (च) दालिमपाणगं वा (छ) खज्जूरपाणगं वा (ज) नालिएरपाणगं वा (झ) करीरपाणगं वा (ञ) कोलपाणगं वा (ट) आमलगपाणगं वा (ठ) चिंचापाणगं वा, अण्णयरं वा तहप्पगारं पाणगजायं सअट्ठियं सबीयगं अस्संजए भिक्खुपडियाए छव्वेण वा दूसेण वा वालगेण वा अवीलियाण परिपीलियाण परिस्साइयाण आहटु दलएज्जा। तहप्पगारं पाणगजायं अफासुयं लाभे संते णो पडिगाहेज्जा।
४४. साधु या साध्वी गृहस्थ के घर में पानी के लिए प्रवेश करने पर पानक के विषय में इस प्रकार जाने, जैसे कि-(क) आम्रफल का पानी, (ख) अंबाडक फल का पानी, (ग) कपित्थ (कैथ) फल का पानी, (घ) बिजौरे का पानी, (ङ) द्राक्षा का पानी, (च) दाड़िम (अनार) का पानी, (छ) खजूर का पानी, (ज) नारियल (डाभ) का पानी, (झ) करीर (करील) का पानी, (ञ) बेर का पानी, (ट) आँवले के फल का पानी, (ठ) इमली का पानी, इसी प्रकार का अन्य पानी है, जोकि गुठली सहित, छाल आदि सहित है, या बीज मिश्रित है, उसे यदि गृहस्थ साधु के निमित्त बाँस की छलनी से, वस्त्र से, गाय आदि के पूँछ के बालों से बनी छलनी से एक बार या बार-बार छानकर (उसमें रहे हुए छाल, बीज, गुठली आदि को अलग करके) लाकर देने लगता है, तो इस प्रकार के पानक को अप्रासुक और अनेषणीय मानकर मिलने पर भी ग्रहण न करे।
CENSURE OF UNACCEPTABLE DRINKS
44. A bhikshu or bhikshuni while entering the house of a layman in order to seek water should find if the layman has wash of-(a) mango, (b) ambadak fruit, (c) kapittha fruit (Feronia limonia), (d) bijaura (a species of lemon), (e) raisins, (f) pomegranate, (g) date, (h) coconut, (i) kareel (Caooaris decidua), (j) ber (plum or jujube), (k) amla (Emblica officinalis), (1) tamarind, or other such things and it contains kernel, skin or seeds. Also if the laymen intends to offer it after filtering it once पिण्डैषणा : प्रथम अध्ययन
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Pindesana : Frist Chapter
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