Book Title: Agam 01 Ang 02 Acharanga Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 548
________________ parents gave him the name Vardhaman. His unique natural wisdom and attitude of equanimity inspired people to call him Shraman. Due to his unwavering determination, even in presence of fearful predicaments, his peaceful and compassionate tolerance, as a nude ascetic, for pain and afflictions the gods gave him the epithet 'Shraman Bhagavan Mahavir'. ३५६. समणस्स णं भगवओ महावीरस्स पिता कासवगोत्तेणं। तस्स णं तिण्णि णामधेज्जा एवमाहिज्जंति, तं जहा-सिद्धत्थे ति वा सेज्जंसे ति वा जसंसे ति वा। ___ समणस्स णं भगवओ महावीरस्स अम्मा वासिट्ठसगोत्ता। तीसे णं तिण्णि णामधेज्जा एवमाहिज्जति, तं जहा-तिसला इ वा विदेहदिण्णा इ वा पियकारिणी ति वा। समणस्स णं भगवओ महावीरस्स पित्तियए सुपासे कासवगोत्तेणं। समणस्स णं भगवओ महावीरस्स जेढे भाया णंदिवद्धणे कासवगोत्तेणं। समणस्स णं भगवओ महावीरस्स जेट्ठा भइणी सुदंसणा कासवगोत्तेणं। समणस्स णं भगवओ महावीरस्स भज्जा जसोया गोत्तेणं कोडिण्णा। समणस्स णं भगवओ महावीरस्स धूआ कासवगोत्तेणं। तीसे णं दो नामधेज्जा एवमाहिज्जंति, तं जहा-अणोज्जा ति वा पियदंसणा ति वा। ___ समणस्स णं भगवओ महावीरस्स णत्तुई कोसियगोत्तेणं। तीसे णं दो णामधेज्जा एवमाहिज्जंति, तं जहा-सेसवती ति वा जसवती ति वा। ३५६. श्रमण भगवान महावीर के काश्यपगोत्रीय पिता के तीन नाम इस प्रकार कहे जाते थे-(१) सिद्धार्थ, (२) श्रेयांस, और (३) यशस्वी। श्रमण भगवान महावीर की वाशिष्ठ गोत्रीया माता के तीन नाम इस प्रकार कहे जाते थे-(१) त्रिशला, (२) विदेहदत्ता, और (३) प्रियकारिणी। श्रमण भगवान महावीर के चाचा काश्यप गोत्रीय ‘सुपार्श्व' थे। श्रमण भगवान महावीर के ज्येष्ठ भ्राता नन्दीवर्द्धन थे। श्रमण भगवान महावीर की बड़ी बहन सुदर्शना भी काश्यप गोत्रीय थी। * आचारांग सूत्र (भाग २) ( ४९४ ) Acharanga Sutra (Part 2) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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