________________
also has two kinds; taal and latika (all these types are based on the process of sound production involved). All these kinds of atodya have been included in the four; tat, vitata, taal and shushir mentioned here. (Sthananga Sutra 2/3)
विशेष शब्दों के अर्थ-तुणयसबाणि-तुनतुने के शब्द। पणवसद्दाणि-ढोल की आवाज। तुम्बबीवियसद्दाणि-तुम्बे के साथ संयुक्त वीणा के शब्द या तम्बूरे के शब्द। कंसतालसद्दाणि-काँसे का शब्द। लत्तियसद्दाणि-काँसा, कंसिका के शब्द। खरमुही का अर्थ निशीथ चूर्णि (उ. १७) में किया गया है-"खरमुखी काहला, तस्स मुहत्थाणे खरमुहाकारं कट्ठमयं मुहं कज्जति।" अर्थात् खरमुखी उसे कहते हैं, जिसके मुख के स्थान में गर्दभमुखाकार काष्ठमय मुख बनाया जाता है।
Technical Terms : Tunayasaddani---sound produced by a vibrating string. Panavasaddani-sound of a drum. Tumbaviviyasaddanisound of string attached to a gourd (like sitar). Kansataalsaddani and lattiyasaddani—sound produced by various types of striking instruments made of bronze (like cymbal). Kharamuhi—the meaning given in Nishith Churni of this instrument is flute fixed with a wooden mouth piece or blowing end shaped like a donkey-head. विविध स्थानों में शब्देन्द्रिय-संयम का उपदेश
३१८. से भिक्खू वा २ अहावेगइयाइं सद्दाइं सुणेइ, तं जहा-वप्पाणि वा फलिहाणि वा जाव सराणि वा सरपंतियाणि वा सरसरपंतियाणि वा अण्णयराइं वा तहप्पगाराइं विरूवरूवाइं सद्दाई कण्णसोयपडियाए णो अभिसंधारेज्जा गमणाए।
३१८. साधु-साध्वी कई प्रकार के शब्द सुनते हैं, जैसे कि खेत की क्यारियों में तथा खाइयों में होने वाले शब्द यावत् सरोवरों में, समुद्रों में, सरोवर की पंक्तियों या सरोवर के बाद सरोवर की पंक्तियों के शब्द अन्य इसी प्रकार के विविध शब्द, किन्तु उन्हें श्रवण करने के लिए जाने का मन में संकल्प न करे।
र
DISCIPLINE AT VARIOUS PLACES
318. A bhikshu or bhikshuni hears various sounds such as those produced in rows in a farm, in trenches, in lakes, in seas, in rows of ponds or other such types of sounds. But he should never resolve to go to some place to hear these sounds. आचारांग सूत्र (भाग २)
( ४३४ )
Acharanga Sutra (Part 2) WORDYCEXSPANCPIMPANIPRICORIGPatoParGPTEPOTGPRITTEPOYEDEPEXGPREPAIGATGPREPARE
POSexy D N "* "* "*
*
*
*
*
*
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org