Book Title: Agam 01 Ang 02 Acharanga Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 468
________________ YODARA 0940 ३०७. साधु-साध्वी यदि ऐसे स्थण्डिल को जाने, जहाँ तिराहे (तीन मार्ग मिलते) हों, चौक हों, चौहट्टे या चौराहे (चार मार्ग मिलते) हों, चतुर्मुख (चारों ओर द्वार वाले बंगला आदि) स्थान हों, ऐसे तथा अन्य इसी प्रकार के सार्वजनिक जनपथ हों, ऐसे स्थण्डिल में मल-मूत्र का विसर्जन नहीं करे। 307. A bhikshu or bhikshuni should find if a sthandil is at places like a junction of three roads, city-squares, crossings, chaturmukh (places having four gates or paths) or other such public roads. If it is so, such sthandil should not be used by an ascetic for excreta disposal. ३०८. से भिक्खू वा २ से जं पुण थंडिलं जाणेज्जा इंगालदाहेसु वा खारदाहेसु वा मडयदाहेसु वा मडयथूभियासु वा मडयचेइएसु वा, अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चार-पासवणं वोसिरेज्जा। ___३0८. साधु-साध्वी ऐसे स्थण्डिल को जाने, जहाँ लकड़ियाँ जलाकर कोयले बनाये जाते हों; जहाँ काष्ठादि जलाकर राख बनाने के स्थान हों, मुर्दे जलाने के स्थान हों, मृतक के स्तूप हों, मृतक के चैत्य हों, ऐसा तथा इसी प्रकार का कोई स्थण्डिल हो, तो वहाँ पर मल-मूत्र का विसर्जन न करे। 308. A bhikshu or bhikshuni should find if a sthandil is at places where wood is burnt to produce charcoal, wood (etc.) are burnt to ash; dead bodies are cremated, memorials to the dead exist, temples in memory of the dead exist or other such places. If it is so, such sthandil should not be used by an ascetic for excreta disposal. ३०९. से भिक्खू वा २ से जं पुण थंडिलं जाणेज्जा, नइआयतणेसु वा पंकायतणेसु वा ओघायतणेसु वा सेयणपहंसि वा, अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। ३०९. साधु-साध्वी यदि ऐसे स्थण्डिल को जाने, जोकि नदी तट पर बने तीर्थ-स्थान (घाट) हों, नदी के पास कीचड़ वाला स्थान हो, पवित्र जल-प्रवाह वाले स्थान हों, जल-सिंचन करने के मार्ग हों, ऐसे तथा इसी प्रकार के जो स्थण्डिल हों, उन पर मल-मूत्र का विसर्जन नहीं करे। आचारांग सूत्र (भाग २) ( ४१८ ) Acharanga Sutra (Part 2) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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