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Q.9009
Sharma
(The first column contains words which normally are names of some living thing or its organs. The second column gives the botanical names for which these biological sounding words are used. Some English equivalents have also been given to illustrate the point.)
Would it be proper to interpret these terms according to their popular or common dictionary meaning ? Not at all. In the same way in the text under reference it is reasonable to accept the botanical meaning rather than the common meaning.
वैद्यक के सुप्रसिद्ध सुश्रुतसंहिता तथा चरकसंहिता से भी हमारे उक्त कथन का समर्थन होता है, यथाचूत फलेऽपरिपक्के केशर मांसास्थि मज्जा न पृथक् दृश्यन्ते।
-सुश्रुत संहिता, अध्याय ३, श्लोक ३२, पृ. ६४२ अर्थ-पके आम्र फल में केशर, माँस, अस्थि, मज्जा प्रत्यक्ष रूप में दीखते हैं, परन्तु कच्चे आम में ये अंग सूक्ष्म अवस्था में होने के कारण भिन्न-भिन्न नहीं दीखते, उन सूक्ष्म केशरादि को सुपक्व आम्र ही व्यक्त रूप देता है।
प्रस्तुत पाठ में फलों में केशर, गुद्दे, गुठली आदि के लिए माँस, अस्थि एवं मज्जा शब्द का प्रयोग किया गया है। मार्जारी
जवादि वनस्पति कुक्कुटी शेमल
६७ तापस, मार्जार
तिंगोटी कुक्कुर
श्लिष्टपूर्ण, विकीर्ण, शीर्ण रोमक
(ये ग्रन्थि पर्ण वनस्पति के नाम हैं) ६८ शठ, कुटिल
तगर पिशुन केसर
१९० जटायु, कौशिका, धूर्त गुग्गुल
१८३ गौरी गोरोचन
११० कुक्कुट
कुकुभ-कुम्हार का मुर्गा; श्वेत तीतर,
ताम्रचूड़-मुर्गा, अग्नि का अंगारा, चाण्डाल, शूदपुत्र, सुनिषण्णाक वनस्पति ७५४
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१८३
पिण्डैषणा : प्रथम अध्ययन
( १३९ )
Pindesana : Frist Chapter
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