Book Title: Gnatadharmkathanga Sutram Part 01
Author(s): Kanhaiyalalji Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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शाताधर्म कथाङ्गस्त्रे देव्याः 'अंगपडियारियाओ' अङ्गपरिचारिकाः आत्मरक्षिकाः, अभितरियाओ' आभ्यन्तरिका: अन्तःपुरनिवामिन्यः समये २ समुचितविचार दायिका इत्यर्थः। तथा 'दासचेडियाओ' दासचेटिकाः-दास्यश्चताश्चेटिका इति दासचेटिकाः श्वकर्मधारयेत्यादिना दासी शब्दस्य पुंवद्भावः, तत्र दास्यः पदनादि कार्यकारिण्य, ता एव चेटयश्च रहस्यवार्ताकारिण्यः, एताः सर्वाः धारिणी देवी 'भोलुग्गं' अवरुग्णां ग्लानां 'जाव झियायमार्गि' यावद् ध्यायन्तीम आर्तध्यान कुर्वन्तीं पश्यन्ति, दृष्ट्वा एवमवादिषुः-किं-किमर्थ-कस्मात् कारणात् खलु हे देवानुप्रिये अवरुग्णा, अवरुग्णशरीरा, यावद् ध्यायसि-आर्तध्यानं करोषिः । ततः खलु सा धारिणीदेवी ताभिरङ्गपरिचारिकाभिः आभ्यन्तरिकाभिः दासचेटिकाभिः एवमुक्ता सती ता दासचेटयः नो आढाइ'नो आद्रिय ते, ‘णो परिया. उस रानी की जों (अंग पडियारियाओं) अंगपरिचारिकाएँ थीं कि जो (अभितरियाओ) अन्तःपुरमें ही सदा उसके साथ रहती करती थीं और समयर पर उसे उचित सुजाव दिया करती थीं तथा (दास चेडियाओ) दासीरूप चेटिकाएँ थी कि जो उसके शरीर का मर्दनादिकार्य करनेके लिये नियुक्त थीं उन्होंने (धारिणीदेवी ओलुग्गं जाव झियायमाणि पासति) उस धारिणी देवो को चिन्ता मग्न एवं दुर्बलशरीर वाली जब देखा तय (पासित्ता) देखकर (एवं वयासी) इस प्रकार कहा (किण्णं तुमे देवानुप्पिए ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा जाव झियायसि) हे देवानुप्रिये ? क्या कारण है जो तुम रात दिन कृश शरीर हो रही हों और आतध्यान किया करती हो? (तएणं सा धारिणोदेवीं ताहिं अंगपडियारियाहि-अभितरियाहिं दाम
चेडियाहिं एवंवुत्ता समाणी ताओ दासचेडियाओ नो आढाइणो परियाणाइ) (ती से) राणीनी (अंगपडियारियाओ) A0 सेवियो- (अभितरियाओ) તેની સાથે સદા રણવાસમાં જ રહેતી હતી અને અનુકૂળ સમયે તેને ગ્ય સલાહ भापती ता-(भासचेडियाओ) ६.सी३५ येटिया-- तेना श३ मालिश बगैरे भाटे नियुत ४ पाम मावी ता-मामे(धारिणी देवों ओलुग्गं जाव झियासमान गति) न्यारे याl ofवीन श शरीवाली तमा बितातुन त्यारे (पाक्षिणा) ने (एवं वयापी) युं 3 (किण्णे तुमे देवानुप्पिए ओ लग्गाओलग्गा मलीग जाब झियायमि) देवानुप्रिये ! तिमि मातथ्यानी ! यता यो छ ? भने चिन्ताभन भन .छा. (तपणं सा धारिणी देवी ताहिं अंगपडियारियाहिं अभितरियाहिं दास चेडियाहिं एवं वृत्ता पमाणी ताओ दास दे याओ नो आढाइ णा परियामाइ मारिया या टियागे माहीत
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