________________ 181. सिद्ध-सारस्वत 140. संयोजक, बौद्धधर्म में शून्यता का सिद्धान्त ,व्याख्यान प्रो0ए0के0 चटर्जी ,पार्श्वनाथ विद्यापीठ,21-2-2011 141. संयोजक, नवकारमंत्र की ऐतिहासिक विकास यात्रा ,प्रो० सागरमल जैन ,18-1-2011 142. अतिथि वक्ता ,पर्यावरण संरक्षण ,मैत्री भवन, पुण्यतिथि शरद साधकजी ,10-1-2011 143. स्वागताध्यक्ष, पं0 मदनमोहन मालवीयजी 151वीं जन्म जयन्ती ,मालवीय मिशन,18-12-2011 144. मु०अतिथि, सामाजिक उत्प्रेरणा एवं सहजीकरण की नीतियां ,व्रज जागरण समिति ,1-3दिस0 2011 145. वक्ता, सङ्गोष्ठी, वर्षायोग समिति फिरोजाबाद , मुनि निर्भयसागर जी ,24-25सितम्बर2011 146. अध्यक्ष, अस्पृश्यता ,सङ्गोष्ठी, राष्ट्रीय मानव शोधसंस्थान , वाराणसी 18-20नवम्बर2011 147. अध्यक्ष, युगों युगों में अस्पृश्यता, मानव शोधसंस्थान ,18-20नवम्बर 2011 148. संयोजक, ISSIS के विदेशी अध्येताओं को जैनविद्या का प्रशिक्षण,4जून से 8जुलाई2011 149. अध्यक्ष, सामाजिक पिछडे वर्गों के उत्थान हेतु जागरण,वज्र एवं वरुण जागरण समिति ,1-3दिस0 2011 150. व्याख्यान,पांडुलिपि और पुरालिपि , प्राकृतभाषा और जैनागम के आलोक में ,इंदिरागांधी कलाकेन्द्र,मार्च 2012 अध्यक्षता , पद्मनंदि पंचविंशतिका में दान, सान्निध्य मुनि सौरभसागर,भागलपुर सङ्गोष्ठी, 5-6अक्टू02013 152. वक्ता, सर्व कर्म कर्तृत्वके विनष्टि कारणों पर विचार ,आ0 विशुद्धसागर सान्निध्य,10-12अक्टू02014 153. मु० अतिथि, महावीर के सिद्धान्त, जैनबौद्ध दर्शन विभाग ,बीएचयू ,16-4-2014 154. मु०वक्ता, जैनबैद्ध धर्म में समता , महाबोधि सेसायटी आफ इंडिया, सारनाथ 14-5-2014 155. मु0अतिथि, जिनेन्द्र वर्णी जन्मजयन्ती , छेदीलाल जैन मन्दिर ,जैन समाज काशी,14-5-2014 अध्यक्षता, श्रमण संस्कृति की प्रासङ्गिकता 21वीं शताब्दी में ,सङ्गोष्ठी,24-25 फरवरी 2012 157. अध्यक्षता , अयुकर्म पत्रवाचन भी ,विद्वत् शास्त्री परिषद् ,श्रवणबेलगोला ,14-16अक्टू02015 158. अध्यक्षता तथा लेखवाचन, आ0 विद्यासागर, मुनि सान्निध्य समतासागर,विशा०परिषद् ,सूरत,10-10-2015 159. अध्यक्षता, कर्मसिद्धान्त, श्रवणबेलगोला ,विशा०परिषद्, सान्निध्य भट्टारक चारुकीर्तिजी ,11-6-2016 160. सारस्वत अतिथि ,आत्म तत्त्वविचार राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान ,भोपाल,29-1-2017 161. अध्यक्ष, सान्ध्य उपाध्याय निर्भयसागर ,सङ्गोष्ठी,पंचायती मन्दिर पुरानी सब्जीमंडी ,उज्जैन,27-28 अगस्त 16 162. वक्ता, आOविद्यासागरकृत मूकमाटी , सङ्गोष्ठी ,वाजपेयी हिन्दी विवि ,भोपाल 15-16अक्टू02016 163. वक्ता , प्राकृत और जैनविद्या पाठ्यक्रम और परीक्षा ,पाथर्डी ,अहमदनगर,13-15जून 2017 163. वक्ता, जैन शरीर विज्ञान (शरीर नामकर्म) संगोष्ठी, श्रमणवेलगोला 15-18 जून 2018 164. पत्रवाचन, समयसार कलश का आस्रवाधिकार तथा अमृतचन्द्र के अन्य ग्रन्थों में आस्रव चर्चा, अ.भा.दि.जैन विद्वत्परिषद्, आंवा (राज.) 20.10.2018 165. वक्ता, जैन विद्या की शिक्षा कैसी हो, सान्निध्य मुनि प्रमुखसागर, पत्रकार संघ, गोवा, 24-26 अक्टूबर 2018 166. वक्ता, जैन पत्रकार संघ, भट्टारकों की भूमिका, हुम्मच पद्मावती, ज्वालामालिनी एवं मूडविद्री, 29.10.2018 विदेशी शिक्षाविदों से शिक्षा विषयक वार्तायें 1. डेनमार्क, प्रो. कीथ जी यास्क, अध्यक्ष इंडोलिजी विभाग (एसियन स्टडीज)। 2. चीन, एम. एस. वाङ्गटिंग। 3. पोलेण्ड, त्रिनिदाद, नेपाल, इटली, थाईलैण्ड आदि। प्रकाशित लेख 1. अनेकान्त और स्याद्वाद, जैन सन्देश, 29 अगस्त, 1963. 2. किं जैनदर्शनं नास्तिकम्, स्याद्वाद् पत्रिका, नवम्बर, 1963, पृ. 21-23. 3. जैन दर्शन का महत्त्व, श्रीकाजीस्वामी अभिनन्दन ग्रन्थ, 13 मई, 1964, वी.नि.सं. 2490, पृ. 133-134. 4. पर्युषण को पर्वराज क्यों कहते हैं ?, जैन सन्देश, 17 सितम्बर, 1964. 5. परीक्षामुख : एक अनुशीलन, भारतीय जैन साहित्य संसद्, परिवेशन 1 अक्टूबर, 1965, पृ. 129-133. 6. सुखी कौन ?, जैन सन्देश, 21 अक्टूबर, 1965. 7. पं. आशाधर की सर्वतोमुखी प्रतिभा और उनका सागारधर्मामृत, वीरवाणी, राजस्थानी जैन साहित्य सेवी विशेषाङ्क, 3 161