________________ सिद्ध-सारस्वत ___June, 2010 How does me depender med en non-violence अप्रैल-जून, 2010. 72. आत्मा की वैभाविकी शक्ति श्रमण, जुलाई-सित., 2010 73. पर्युषण पर्व और संवत्सरी श्रमण जुलाई-सित., 2010 74. दीपावली पर्व, श्रमण, अक्टू- दिस., 2010 75. नमोकारमन्त्र, श्रमण, अक्टू-दिस., 2010 76. कालजयी श्रीभंवर लाल जी नाहटा विशिष्ट व्यक्तित्व' श्रमण, जुलाई सितम्बर 2010 77. जैनधर्म की समाजोपयोगिता, श्रमण, जन-मार्च, 2011 78. आचार्यमहाप्रज्ञ विशिष्ट व्यक्तित्व, श्रमण, अप्रैल-जून 2010 79. सभी विरोधों का समाधान : अनेकान्तवाद और स्याद्वाद, 'श्रमण', अप्रैल-जून, 2011 80. दक्षिण भारत में जैन धर्म, श्रमण, अप्रैल-जून, 2011 81. भारतीय चिन्तन में आत्मतत्त्व : एक समीक्षा, श्रमण, जुलाई-सित, 2011 82. जैनागमों और उसके व्याख्या साहित्य में नारी, ‘वाचना', राजस्थान विश्वविद्यालय,जयपुर, जुलाई-दिस. 2011 83. दिगम्बर और श्वेताम्बर पूजा क्यों और कैसे ? 'श्रमण', जुलाई-सित, 2011 84. भगवान् पार्श्वनाथ और उनके दस भव, 'श्रमण', अक्टू-दिस, 2011 85. भारतीय चिन्तन में मोक्षतत्त्व : एक समीक्षा, श्रमण', अक्टू-दिस, 2011 86. आठ योगदृष्टियाँ : आचार्य हरिभद्रकृत योगदृष्टिसमुच्चय के आलोक में, 'श्रमण', जन-मार्च, 2012 87. संस्कृत जैनकाव्य परम्परा और जैन कुमार संभव, संपादकीय जैनकुमार संभव, पृ.11-43,पार्श्वनाथ विद्यापीठ-2011 88. श्रावक और श्रमण प्रतिमाएँ, 'श्रमण', जन-मार्च, 2012 89. उपवास, श्रमण, जन-मार्च 2013 90. जैनधर्म में भक्ति क्यों और कैसे? भक्ति के विविध आयाम, नमन प्रकाशन, दिल्ली 2016 91. क्या बौद्ध दर्शन में आत्मा और पुनर्जन्म है ? भगवान् बुद्ध का जीवन दर्शन, 2017 92. जैन और बौद्ध धर्म दर्शनों में साम्य-वैषम्य - नमन, भगवान् बुद्ध का जीवन दर्शन, नई दिल्ली 2017 93. भारतीय दर्शनों में आत्मा, नमन, भगवान् बुद्ध का जीवन दर्शन, 2017 आकाशवाणी कार्यक्रम (आकाशवाणी, वाराणसी से संस्कृतवार्ता-प्रसारण, रात्रि 8.00 से 8.15) 1. अस्माकं गौरवग्रन्थः ज्ञानार्णवः (शुभचन्द्राचार्यप्रणीतः) दिनांक 1.3.1988 2. आचाराङ्गसूत्रे कर्मण: स्वरूपम् (दिनांक 13.10.1992) 3. जैननये कर्मसिद्धान्तः (दिनांक 31.8.1993) 4. संस्कृतसाहित्ये शिशिरर्तुवर्णनम् (दिनांक 11.1.1994) 5. श्रमण-परम्परा (दिनांक 17.5.1994) 6. अस्माकं पुराणानि-ब्रह्मवैवर्तपुराणम् (दिनांक 9.8.1994) 7. संस्कृतवाङ्मये त्रिवेणीसंगमः (दिनांक 30.3.1995) 8. जैनदर्शनानुसारं नारीणां स्थितिः (दिनांक 11.1.1995) 9. सामाजिकसंदर्भे स्याद्वादस्य भूमिका (दिनांक 29.1.1996) 164