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नृत्याध्यायः
श्लोक संख्या
पृष्ठ संख्या
१३.
२९९
१४.
३००
३०० ३००-३०१ ३०१ ३०१-३०२
११६३-११६४ ११६५-११६६ ११६७-११६९ .११७०-११७१ ११७२-११७३ ११७४-११७५ ११७६-११७७ ११७८ ११७९-११८४ ११८५ ११८६ ११८७-११९०
३०२
२०.
२१.
२२.
अलात और उसका विनियोग भुजंगत्रासित और उसका विनियोग कटीसम और उसका विनियोग कटीछिन्न और उसका विनियोग घूणित और उसका विनियोग निकुञ्चित और उसका विनियोग निकुट्टक अनिकुट्टक विक्षिप्ताक्षिप्तक और उसका विनियोग अपविद्ध और उसका विनियोग समनख और उसका विनियोग स्वस्तिक रेचित और उसका विनियोग मतल्लि और उसका विनियोग अर्धमत्तल्लि और उसका विनियोग वल्लित अर्घरचित ऊर्ध्वजानु कटिभान्त और उसका विनियोग छिन्न और उसका विनियोग पादापविद्धक भ्रमर दण्डपक्ष
२३. २४. २५. २६.
३०२ ३०२-३०३ ३०३-३०४ ३०४ ३०४-३०५ ३०५ ३०५ ३०५
२७.
२८.
३०६
२९. ३०.
३२.
३३.
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११९२ ११९३ ११९४-११९५ ११९६-११९७ ११९८-१२०० १२०१ १२०२ १२०३-१२०४ १२०५ १२०६ १२०७-१२०८ १२०९-१२१० १२११-१२१२ १२१३-१२१४ १२१५
३०६-३०७ ३०७ ३०७ ३०७-३०८ ३०८ ३०८ ३०८
३४.
नपुर
ललित और उसका विनियोग व्यंसित और उसका विनियोग चतुर और उसका विनियोग
३०९
३०९ ३०९-३१० ३१०
भुजंगत्रस्तरेचित