Book Title: Nrutyadhyaya
Author(s): Ashokmalla
Publisher: Samvartika Prakashan

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Page 503
________________ शब्द तृतीय तृतीय तृतीय तोरणचालक तोलन त्र्यत्र अंगहार त्र्यस्रा वस्ता त्रिकलि त्रिकोणचारी त्रिकोणस्वस्तिक त्रिकूट त्रिपताक त्रिपातकवर्तना त्रिभंगीवर्ण सार श्रोटित थ थरहर थासक द पक्ष दण्डपक्ष दण्डपाद दण्डपाद दण्डपाद दण्डपादा दण्डपादा दण्डपादाञ्चित दण्डरेचित पारिभाषिक शब्दानुक्रमणिका संक्षिप्त संकेत शब्द ( ब० क० ) दण्डवर्तना ( प्ल० क० ) (हं० क० ) (चालन ) ( क० क० ) (अं० हा० ) ( ग्रीवा) (सं० दृ० ) (दे० ला०) ( मु० चा० ) (चालन) ( मा० ला०) ( अ० ह०) ( वर्तना) (नृ० ह०) (करण) ( आ० सं० ) दन्तकर्म दर्पशरण दष्ट दिक्स्वस्तिक दिग्वर्षाभिघचालन दीना दुःख दृप्ता देवोपहारक (चालन ) (पाद) दोल दोल (दे० ला०) दोलापाद (दे० ला०) दोलापादा द्विगूढ़ द्वितीय द्वितीय ( आ० मं० ) देशी आकाशचारी देशीकर देशी भौमचारी देशी लास्याँग देशी स्थानक द्वितीय (करण) द्वितीय द्वितीय ध (दे० आ०) ( आ० चा० ) (उ० क० ) (करण) धूनन धनुराकर्षण धनुर्पल्लविनाक संक्षिप्त संकेत ( वर्तना) (द० क० ) ( उ० क० ) (द० क० ) (करण) (चालन) ( स्था० दृ० ) ( भा० भा० ) ( स्था० दृ० ) (चालन) (दे० आ०) (दे० ला०) (दे० भौ० ) (दे० ला०) (दे० स्था० ) (सं० ह० ) (चालन ) (करण) ( आ० चा० ) ( मा० ला०) (हं० क० ) ( प्ल० क० ) ( ख० क० ) ( वि० क० ) ( ब० क० ) (चालन) (चालन) ( क० क० ) ४९१

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