Book Title: Nrutyadhyaya
Author(s): Ashokmalla
Publisher: Samvartika Prakashan

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Page 508
________________ नत्याध्यायः संक्षिप्त संकेत (वर्तना) मुखदर्शन मुखरस मुखराग मुडुपचारी मुरजकर्तरी मुरजाडम्बर (कटि) (ग्रीवा) (करण) (र० दृ०) मुष्टि मुष्टिक स्वस्तिक मष्टिवर्तना मृगकलास मृगप्लुता मोक्षण मोटन मोटित मौलिरेचितक संक्षिप्त संकेत शब्द (मु० द०) रेचित वर्तना (दे० ला०) रेचिता (मु० रा०) रेचिता (मु० चा०) रेचिता (चालन) रेचितनिकुट्टक (चालन) रौद्री (अ० ह०) ल (न. ह.) लंकादाहाञ्चित (मु० व०) लंधित (म० क०) लंधितजंघा (आ० चा०) लज्जिता (क० क०) लताकर (क० क०) लताक्षेप (स्त्री० स्था०) लतावृश्चिक (चालन) लतावेष्टित लय (मु० रा०) ललाट (क० क०) ललाटतिलक (दे० भू०) ललित (चालन) ललित (र० दृ०) ललित (रसना) ललितवर्तना. (इं० भि०) ललितसंचर (पृष्ठ) ललिता (उदर) लहरीचक्रसुन्दर (इं० भि०) लीन (नृ० ह.) लेटि __(अधर) लोहनी (अ० अं०) लोल रक्त रक्षण रथचक्रा रथनेमिसम रस दृष्टि (उ० क०) (दे० ला०) . (दे० भू०) (सं० दृ०) (नृ० ह.) (दे० भू०). (करण) (चाल ) (दे० ला०) (ह० क्षे०) (करण) (नृ० ह०) (करण) (आ० मं०) (वर्तना) (आ० मं०) (सं० दृ०) (चालन) (करण) (दे० ला०) (रसना) (चिबुक) रसना रसाभिनय रिक्तपूर्ण रिक्तपूर्ण रूपाभिनय रेचित रेचित रेचित ४९६

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