Book Title: Nrutyadhyaya
Author(s): Ashokmalla
Publisher: Samvartika Prakashan

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Page 506
________________ नत्याध्यायः शब्द संक्षिप्त संकेत (पलक) (अनिल) (क० गु०) (दे० आ०) (करण) (स्त्री० स्था०) (प्ल० क०) ' (कपोल) संक्षिप्त संकेत शब्द (पृष्ठ) प्रसृत (कपोल) प्रसृत (पृष्ठ) प्रसृता (मु० चा०) प्रावृत (करण) प्रेङखोलित (बाहु) प्रोन्नत (दे० आ०) प्लवकलास (दे० स्था०) फ (वक्ष) फुल्ल (मा० ला०) ब (वर्तना) बककलास (ता० क०) बद्धा (प्र० भू०) बलित वर्तना (प्र० स्था०) बलिबन्धाञ्चित (वि. क०) बहिर्गत (ख० क०) बहिर्गता (ब० क०) बाहु (प्ल० क०) बाहुबन्धलोहडी (हं० क०) ब्राह्मण (मु० चा०) म (मु० द०) भय (अनिल) भयानका (ता० क०) भयान्विता (मु० रा०) भाल वर्तना (पाव) भाव (बाहु) भावाभिनय (स० स्था०) भुग्न (च० गु०) भुजंगवासित (करण) भुजंगत्रासिता पृष्ठलुठित पृष्ठस्वस्तिक पृष्ठानुसारी पृष्ठोत्क्षेप पृष्ठोत्तानतल प्रकम्पित प्रच्छेदक प्रतिवर्तना प्राकृत प्रत्यकभूषण प्रत्यालीढ़ प्रथम प्रथम प्रथम प्रथम प्रथम प्रतिलोमानुलोमका प्रविलोकित प्रवृद्ध प्रवेशन प्रसन्न प्रसारित प्रसारित प्रसारित प्रसारिता प्रसर्पित (ब० क०) (भू० चा०) (वर्तना) (उ० क०) (गुल्फ) (जंघा) (बाहु) (उ० क०) (दे० स्था०) (भ० भा०) (र० दृ०) (स्था० दृ०) (वर्तना) (दे० ला०) (भा० न०) (मुख) (करण) (आ० चा०) ४९४

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