Book Title: Nrutyadhyaya
Author(s): Ashokmalla
Publisher: Samvartika Prakashan
View full book text
________________
नृत्याध्यायः
विमुक्तक वियुक्त वियुक्ता वियुक्ता विरुडितबन्धन विलीन विलोकित विवर्तन विवर्तन विवर्तित वितित विवर्तित विवर्तित विवर्तित विवृत
संक्षिप्त संकेत शब्द (उ० स्था०) विसर्जन
(गुल्फ) विसृष्ट (पाणि) विस्मित (क० गु०) विस्मिता (चालन) विहसी (अनिल) विहृत (मु० द०) वोभत्सा (ता. क०) वीरा (दे० ला०) वृश्चिक
(पार्व) वृश्चिककुट्टित (पलक) वृश्चिक रेचित
(अवर) वृश्चिकापसृत (सु० स्था०) वृषभक्रीडित
(करण) वृषभासन (मुख) वेष्टन (जानु) वेपथुव्यञ्जक (करण) वैभाविक
(कटि) वैशाखरेचित (सं० १०) वैशाखरेचित (दे० स्था०) वैशाखस्थानक . (उ० स्था०) वैष्णव
(करण) वैष्णव (त्र्य० अं०) व्यंसित (त्र्य० अं०) व्यभिचारिदृष्टि
(करण) व्यादीर्ण (चालन) व्याभुग्न (दे० भू०) व्यावर्तित (क० क०) व्यस्तोप्लुतिनिवर्तक
(चालन)
संक्षिप्त संकेत (क० क.)
(अधर)
(अनिल) (स्था० दृ०) (दे० ला.) (आ० मं.) (र० दृ०) (र० दृ०)
(करण) (करण)
(करण) (य० अं०)
(करण) (दे० स्था०) । (दे० आ०)
(चालन) (मा० ला०)
(करण) (च० अं०) (प्र० स्था०) (पु० स्था०) (दे० स्था०)
विवृत विवृत
विवृत्ता विषण्णा विषमसूचि विष्कम्भ विष्कम्भ विष्कम्भ विष्कम्भापसृत विष्णुकान्त विश्लिष्टवर्तित विश्लिष्टा विश्लेष विश्रृंगाटकवन्ध
(व्य० दृ०) (चिबुक)
(मुख) (क० क०)
(चालन)

Page Navigation
1 ... 508 509 510 511 512 513 514