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विचित्राभिनय प्रकरण ९. शिखरवर्तना, १०. कपित्थवर्तना, ११. सूचीमुखवर्तना
शिखरस्य कपित्थस्य तथा सूचीमुखस्य च । 750
भवन्ति वर्तना मुष्टिवर्तनोक्तप्रकारतः ॥७५२॥ शिखर, कपित्त्थ और सूचीमुख हस्तों की वर्तनाएँ उक्त मुष्टिवर्तना में निर्दिष्ट क्रिया के अनुरूप सम्पन्न होती हैं।
कराणामेवमन्येषामनन्ता वर्तना मताः । 751
अभिनेयवशाद् धीरस्तत्तन्नाम्नोपलक्षिताः ॥७५३॥ इसी प्रकार अन्य हाथों की अनन्त वर्तनाएँ कही गयी हैं। अभिनय योग्य उन वर्तनाओं को विद्वानों ने अभिनय के अनुरूप उन-उन नामों से अभिहित किया है।
छत्तीस प्रकार की वर्तना का निरूपण समाप्त