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उसने मीठे आम के स्वधर्म का भी पता चलाया। विज्ञान ने पता चलाया कि चुम्बक लोहे को खींचता है, तो विज्ञान ने क्या किया? ...विज्ञान ने चुम्बक के भीतर छुपे हुए चुम्बक के स्वधर्म का पता चलाया। विज्ञान ने सर्दी एवं गर्मी के स्वधर्म का पता चलाया। विज्ञान ने इन्द्रधनुष् (या त्रिकोण काँच) में सूर्य की रश्मियों में सात रंगों के समन्वय का पता चलाया, तो विज्ञान ने क्या किया? ...न्यूटन ने कहा कि पृथ्वी में आकर्षण शक्ति है और इसीलिए वृक्ष से टूटा फल आकाश की तरफ नहीं जाता, बल्कि पृथ्वी पर गिरता है, तो न्यूटन ने क्या खोज की? न्यूटन ने पृथ्वी के स्वधर्म की खोज की। फ्रायड ने नर-नारी के बीच यौनाकर्षण की खोज की, तो उसने क्या किया? उसने स्त्रीलिंग-पुल्लिंग के सब धर्म का विवेचन किया। विज्ञान ने बबूल के काँटों का और गुलाब के फूलों का अध्ययन किया और दोनों में देखा। विज्ञान ने बबूल के स्वधर्म एवं गुलाब के स्वधर्म का अध्ययन किया तथा उसी को देखा। आयुर्वेद ने हजारों जड़ी-बूटियों एवं धातुओं के औषधि तत्त्वों का अध्ययन किया, तो आयुर्वेद ने हजारों जड़ी-बूटियों तथा विभिन्न धातुओं के सब धर्मों का अध्ययन किया। हम सूर्य को नित्य उगता हुआ भी तथा दिन-भर रोशनी एवं गर्मी देने के बाद शाम को अस्त होता हुआ भी देखते हैं। हम सर्दी में दिन छोटे और रातें बड़ी देखते हैं और गर्मी में दिन बड़े तथा रातें छोटी देखते हैं। हम सूर्यग्रहण एवं चन्द्रग्रहण भी देखते हैं, तो क्या हम विज्ञान को देखते हैं या हम सूर्य, चन्द्र, पृथ्वी के स्वधर्म को देखते हैं? ...असल में तो हम सूर्य, चन्द्र, पृथ्वी के स्वधर्म को देखते हैं।
हम देखते हैं कि समुद्र से सूर्य की गर्मी के कारण पानी की भाप बनती है। यही भाप बादलों की शक्ल में ऊपर उठती है और हवा की मदद से स्थल की ओर बढ़ती है। सामने पहाड़ आ जाने पर भाप ऊपर उठती है और ठण्डक पाकर पानी का रूप पुन: ग्रहण करके वर्षा के रूप में बरसती है। इससे नदियाँ बनती हैं, जो धरती के ढाल के सहारे बहकर पानी को पुनः समुद्र में पहुँचा देती हैं। विज्ञानवेत्ता इसमें मात्र विज्ञान नहीं देखेगा, बल्कि इसमें वह पानी की गर्मी पाकर भाप बनने का अन्तर्निहित स्वभाव (अर्थात् धर्म) देखेगा। गर्मी को पाकर पानी का भाप में परिवर्तित होना पानी का धर्म है। ऊपर उठ कर हवा के साथ बादलों की शक्ल में पहाड़ों पर पहुँचना भाप या बादलों का धर्म है और ठण्डक पाकर बादलों का बरसना बादलों का धर्म है। इसके साथ ही पानी का स्वभाव अथवा धर्म है कि वह ढाल के अनुसार बहे और-फिर समुद्र में पहुँच जाए, तो विज्ञान जो-कुछ देखता है, वह सूर्य, पानी, हवा, धरती आदि की एक धर्म लीला ही तो है।
सब से बड़ी समस्या यह है कि हम धर्म को या तो बुद्ध का या महावीर का, या तो मोहम्मद का, या तो जरथुश्त का या नानक का आविष्कार मानते हैं, पर इस
480 :: जैनधर्म परिचय
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