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करके जैन बच्चों के लिए जैन पाठशाला के पाठ्यक्रम को आंग्ल भाषा में अनुवादित किया है। अमेरिका में अधिकतर हर जैन केन्द्र में शनिवार या रविवार को जैन पाठशालाओं की कक्षाएँ होती हैं, और इनमें अधिकतर 'जैना' के माध्यम से बनाये गए पाठ्यक्रम का ही प्रयोग होता है। कुछ जगह अलग पाठ्यक्रम का प्रयोग होता है। जैसे कि जैन विश्व भारती के द्वारा बनाये गए पाठ्यक्रम। अमेरिका में जैन मन्दिर ____ 2010 में अमेरिका में भारत के बाहर विश्व के किसी भी देश से सबसे अधिक जैन मन्दिर हैं। 2006 की गणना के अनुसार अमेरिका में 26 जैन मन्दिर हैं, जो कि अधिकतर संगमरमर के हैं और उनके शिखर और मेहराब राजस्थानी वास्तुकला की शैली याद दिलाते हैं। ___ जहाँ तक मेरी जानकारी है, आचार्य सुशील कुमार की प्रेरणा से ही अमेरिका में जैनों ने हिन्दू मन्दिरों में जैन वेदियाँ स्थापित की, और जहाँ भी हिन्दू मन्दिर वालों ने एक से ज्यादा प्रतिमा रखने की अनुमति दी, वहाँ आचार्य जी की प्रेरणा से श्वेताम्बर और दिगम्बर दोनों पद्धति की प्रतिमाएँ स्थापित की गयीं। अधिकतर सभी बड़े शहरों में हिन्दू मन्दिर हैं, और उनमें से कुछ में एक या दो जैन प्रतिमाएँ भी हैं। सिर्फ बहुत बड़े शहरों में ही अलग जैन मन्दिर हैं, और कहीं-कहीं तो एक ही शहर में एक से ज्यादा जैन मन्दिर हैं। उदाहरणार्थ- अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन और उसके आसपास के क्षेत्र में लगभग 14 मन्दिर हैं, इनमें से एक जैन मन्दिर है (सिल्वर स्प्रिंग नाम की जगह पर),
और बाकी हिन्दू मन्दिर हैं, जिनमें से दो हिन्दु मन्दिरों में जैन प्रतिमाएँ हैं, सिल्वर स्प्रिंग के जैन मन्दिर में श्वेताम्बर और दिगम्बर प्रतिमाएँ हैं, शैंटीली के राजधानी मन्दिर नाम के हिन्दू मन्दिर में एक श्वेताम्बर और एक दिगम्बर प्रतिमा है, और अडेल्फी के हिन्दू मन्दिर में एक दिगम्बर प्रतिमा है। न्यूयॉर्क और उसके आसपास के क्षेत्र में दो जैन मन्दिर हैं। न्यूयॉर्क के क्वींस इलाके में पिछले कुछ सालों में नव निर्मित जैन मन्दिर की दूसरी मंजिल पर श्वेताम्बर पद्धति का मन्दिर और स्थानकवासी पद्धति का स्थानक कक्ष है, तीसरी मंजिल पर दिगम्बर पद्धति का मन्दिर, श्रीमद् राजचन्द्र ध्यान कक्ष और पुस्तकालय है, और चौथी मंजिल पर दादावाडी मन्दिर, अष्टापद महातीर्थ की प्रतिकृति और भोजनशाला है। इसी प्रकार सैन फ्रांसिस्को के निकट मिल्पिटास में बने भव्य जैन मन्दिर में पहली मंजिल पर जैन पाठशाला के लिए कई कक्ष और दूसरी मंजिल पर एक बड़े कक्ष में श्वेताम्बर और दिगम्बर प्रतिमाएँ और श्रीमद् राजचन्द्र की मूर्ति है, फीनीक्स का नवनिर्मित मन्दिर शायद अमेरिका में पहला जैन मन्दिर है, जिसके आगे मानस्तम्भ की स्थापना हुई है। फीनीक्स के जैन मन्दिर में भी श्वेताम्बर और दिगम्बर प्रतिमाएँ हैं, और मन्दिर से लगे एक कक्ष में श्रीमद् राजचन्द्र का चित्र और उनका साहित्य है। मिल्पिटास और फीनीक्स के मन्दिरों में वेदी की परिक्रमा पथ की दीवारों में चौबीस तीर्थंकरों की
758 :: जैनधर्म परिचय
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