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सुषमा-सुषमा आदि तीन कालों में आयु, आहार आदि की वृद्धि-हानि को दर्शाने वाली तालिका पृष्ठ 126 तिलोयपण्णत्ती-खंड (2) गा. 324-427 क्र. विषय सुषमासुषमा सुषमा
सुषमा-दुषमा 1. भूमि-रचना उत्तम भोगभूमि | मध्यम भोगभूमि | जघन्य भोगभूमि 2. काल-प्रमाण | 4 कोडाकोड़ी सागर 3 कोड़ाकोड़ी सागर | 2 कोडाकोड़ी सागर आयु-उत्कृष्ट 3 पल्य 2 पल्य 2 पल्य 1 पल्य 1 पल्य 1 समय + जघन्य
1 पूर्वकोटि 4.| आहार प्रमाण बेर प्रमाण वहेड़ा प्रमाण आँवला-प्रमाण 5. अवगाहना-उत्कृष्ट | 6000 धनुष 4000 धनुष 2000 धनुष
जघन्य 4000 धनुष 2000 धनुष 500 धनुष 6. आहार-अन्तराल 3 दिन बाद 2 दिन बाद 1 दिन बाद 7. कवलाहार है किन्तु | निहार का अभाव निहार का अभाव
| अभाव | उत्तानशयन 3 दिन पर्यन्त 5 दिन पर्यन्त | 7 दिन पर्यन्त
अँगूठा चूस | उपवेशन (बैठना) 3 दिन पर्यन्त 5 दिन पर्यन्त | 7 दिन पर्यन्त
| अस्थिर-गमन 3 दिन पर्यन्त 5 दिन पर्यन्त 7 दिन पर्यन्त 11. स्थिर-गमन | 3 दिन पर्यन्त 5 दिन पर्यन्त 7 दिन पर्यन्त h2. कला-गुण प्राप्ति | 3 दिन पर्यन्त 5 दिन पर्यन्त 7 दिन पर्यन्त h3. तारुण्य प्राप्ति | 3 दिन पर्यन्त 5 दिन पर्यन्त 7 दिन पर्यन्त h4. सम्यक्त्व-योग्यता 3 दिन पर्यन्त 5 दिन पर्यन्त 7 दिन पर्यन्त h5. शरीर पृष्ठभाग | 256
128 की हड्डियाँ h6. संयम
अभाव | गुणस्थान अपर्याप्त में मिथ्यात्व-सासादन मिथ्यात्व-सासादन | मिथ्यात्व-सासादन
पर्याप्त में पहले से चार तक पहले से चार तक | पहले से चार तक h8. | शरीर की कान्ति सूर्यप्रभा सदृश पूर्ण चन्द्रप्रभा-सदृश | प्रियंगु-फल-सदृश
.| मरण के बाद शरीर मेघवत् विलीन | मेघवत् विलीन मेघवत् विलीन 20. मरण के बाद गति-मिथ्यादृष्टि भवनत्रिक में भवनत्रिक में भवनत्रिक में सम्यग्दृष्टि | दूसरे स्वर्ग पर्यन्त ।
दूसरे स्वर्गपर्यन्त दूसरे स्वर्ग पर्यन्त
अभाव
अभाव
भूगोल :: 539
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