________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
थे। कीर्तिवर्मा सम्भवतया इसी का पुत्र था।
कीर्तिवर्मा ने अपने लिए कवि कीर्तिचन्द्र, कन्दर्पमूर्ति, सम्यक्त्वरत्नाकर, बुध भव्यबान्धव, वैद्यरत्न, कविताब्धिचन्द्रम्, कीर्तिविलास आदि विशेषण प्रयुक्त किये हैं। ___अहिंसावादी जैनधर्म में प्राणिमात्र पर दया की भावना से मनुष्येतर वैद्यक पर भी ग्रन्थ रचना हुई थी। इसमें गोवैद्यक का प्रमुख स्थान है। यह ग्रन्थ अप्रकाशित है। इसमें गोव्याधियों की निदान सहित औषध, मन्त्र आदि के द्वारा विस्तार से चिकित्सा का प्रतिपादन है। सोमनाथ कवि (1140 ई.)
यह जैन धर्मानुयायी और जगद्दल का सामन्त था। विचित्रकवि उसकी उपाधि थी। यह कर्णाटक का निवासी था। इसने 1140 ई. के लगभग पूज्यपादकृत संस्कृत के 'कल्याणकारक' का कन्नड़ी भाषा में अनुवाद किया था। सोमनाथकृत यह ग्रन्थ 'कर्णाटक कल्याणकारक' कहलाता है। इसकी कर्णाटक में आज भी बहुत प्रसिद्धि है। इसमें पीठिका-प्रकरण, परिभाषाप्रकरण, षोडशज्वर-चिकित्सा-निरूपण-प्रकरण आदि अष्टांग आयुर्वेद चिकित्सा दी गयी है। पूज्यपाद ने अपने ग्रन्थ में मद्य, मांस और मधु का प्रयोग सर्वथा निषिद्ध बताया है। सोमनाथ ने कन्नडी कल्याणकारक में लिखा है'सुकरं तानेने पूज्यपाद-मुनिगल् मुंपेलद् कल्याणकारकमं वाहटसिद्धसारचरकाद्युत्कृष्टमं सद्गुणाधिक वर्जितमद्य-मांसमधुवं कर्णटादिलोकरं क्षयमा चित्रमदागे चित्रकवि सोमं पेलदनिं तलितियं।
स्वयं सोमनाथ ने लिखा है कि उसके इस ग्रन्थ का संशोधन समनोबाण और अभयचन्द्र सिद्धाति ने किया है। ग्रन्थारम्भ में माधवचन्द्र की स्तुति है, जिसका उल्लेख श्रवणबेलगोल के 1125 ई.के शिलालेख नं. 384 में हुआ है। अत: सोमनाथ का काल 1140 ई. के लगभग निर्धारित किया जाता है। अमृतनन्दि (13वीं शती) __यह दक्षिण के दिगम्बर आचार्य थे। इन्होंने जैन दृष्टि से वनस्पति-नामों के पारिभाषिक अर्थों को बताने के लिए 'निघण्टु-कोष' की रचना की थी। यह कोष अत्यन्त विस्तृत है। इसमें 22000 शब्द हैं। यह प्रारम्भ से सकार (स.सा.) तक ही प्राप्त है, शेष भाग सम्भवतः ग्रन्थकार द्वारा पूर्ण नहीं किया जा सका हो। इसमें वनस्पतियों के नाम जैन परिभाषाओं के अनुसार सूचित किये गये हैं। जैसेअभव्यः - हंसपादि मुनिखजूरिका
राजखजूर अहिरत्रा - वृश्चिकालि वर्धमाना __- मधुरमातुलुंग
आयुर्वेद (प्राणावाय) की परम्परा
645
For Private And Personal Use Only