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जैन संस्कृत महाकाव्यों में भारतीय समाज
शती ई०) के द्वारा भी गुजरात की तत्कालीन परिस्थितियों पर विशेष प्रकाश पड़ता है । नयचन्द्र सूरि के हम्मीर महाकाव्य का नायक 'हम्मीर' यद्यपि कवि का समकालिक नहीं है किन्तु ऐतिहासिक व्यक्ति अवश्य है । इस महाकाव्य में राजपूतों की चाहमान सेना तथा यवन नरेश अलाउद्दीन खिलजी के मध्य हुए युद्ध एवं राजनैतिक वर्णनों का आधार भी ऐतिहासिक वृत्त ही है । प्रमुख जैन संस्कृत ऐतिहासिक महाकाव्य निम्नलिखित हैं-(१) हेमचन्द्रसूरिकृत - 'द्वयाश्रय' महाकाव्य (१२वीं शती ई०), (२) सोमेश्वरदेवकृत---'कीर्तिकौमुदी' (१३वीं शती ई०), (३) बालचन्द्रसूरिकृत --- 'वसन्तविलास' महाकाव्य (१४वीं शती ई०) । आलोच्य जैन संस्कृत महाकाव्य
प्रस्तुत ग्रन्थ में लगभग आठवीं शताब्दी ई० से लेकर चौदहवीं शताब्दी ई. तक की कालावधि में निर्मित महत्त्वपूर्ण जैन संस्कृत महाकाव्यों को अध्ययनार्थ सम्मिलत किया गया है। इन महाकाव्यों के लेखक, नाम आदि का ऐतिहासिक क्रम से विवरण इस प्रकार है१. जटासिंहनन्दिकृत 'वराङ्गचरित' (८वीं शती ई०) २. धनञ्जयकृत 'द्विसन्धान' (८वीं शती ई०) ३. वीरनन्दिकृत 'चन्द्रप्रभचरित' (१०वीं शती ई०) ४. महासेनकृत 'प्रद्युम्नचरित' (१०वीं शती ई०) ५. असगकृत 'वर्धमानचरित' (१०वीं शती ई०) ६. हरिचन्द्रकृत 'धर्मशर्माम्युदय' (१० वीं शती ई०) ७. वादिराजसूरिकृत 'पार्श्वनाथचरित' (११वीं शती ई०) ८. वाग्भटकृत 'नेमिनिर्वाण' (११वीं शती ई०) ६. हेमचन्द्र कृत 'द्वयाश्रय' (१२वीं शती ई०) १०. अभयदेवसूरिकृत 'जयन्तविजय' (१३वीं शती ई०) ११. वस्तुपालकृत 'नरनारायणानन्द' (१३वीं शती ई०) १२. अमरचन्द्रसूरिकृत 'पद्मानन्द' (१३वीं शती ई०) १३. सोमेश्वरकृत 'कीर्तिकौमुदी' (१३वीं शती ई०) १४. बालचन्द्रसूरिकृत 'वसन्तविलास' (१३वीं शती ई०) १५. मुनिभद्रकृत 'शान्तिनाथचरित' (१४वीं शती ई०) १६. नयचन्द्रसूरिकृत 'हम्मीर महाकाव्य' (१४वीं शती ई०) महाकाव्येतर अन्य स्रोत सामग्री
लगभग इसी कलावधि में निर्मित जैन दिगम्बर तभा श्वेताम्बर परम्परा के महत्त्वपूर्ण पुराणों को उपर्युक्त महाकाव्यों द्वारा प्रदत्त सूचनाओं के समर्थनार्थ