Book Title: Jain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Author(s): Mohan Chand
Publisher: Eastern Book Linkers

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Page 704
________________ जन संस्कृत महाकाव्यों में भारतीय समाज व्यापारिक समिति २६४, २६९, शाकवाटक २१२, २१३ २७७, ३११ व्यापारियों का संघटित स्वरूप शाक्य (जाति) २७७, २७८, शाक्त ( सम्प्रदाय) २६ . २२६, २३२ २६० . व्यापारी १७, १३४, १६१, १९२,. शाक्य जाति का निगम २७८ २०४, २२४-२२८, २३१, शाखा नगर २५२, २८२ २३३ पा०, २३६ व्यापारी वर्ग २२७, २६०, २८८ शान्ति वाचन ३७३ शारीरिक यातना १०३ २६० । इनका संघटित स्वरूप, २२६, शासन तंत्र ६५, ७३, ७४, ११५, २३२, २५३, २६४, २७०, २७३, २७५, इनकी समिति शासनव्यवस्था/राज्य व्यवस्था २१, २६४, २६६, २७७, ३११, ७२, ८३-१४२, १४६, १४७, इनकी सेना ७०,७१, ७२ १५०, १९६. २६५, २८१ व्यापारी सेना ७०, ७१, ७२ . केन्द्रीय १०८-१२४, ग्रामीण व्यावसायिक प्रशिक्षण ४२२, ४२३, १२५-१४२, प्रान्तीय १११, ११६, १४७, कदम्ब शासन व्रज/गोकुल ९७, १३१, २३१ . व्यवस्था १०६, काकतीय शासन २७१ व्यबस्था १०६, गुप्तकालीन शक (जन) ५२९ शासन व्यवस्था १.६, चालुक्य शकुन ११४, १५७, १५८, ४५३ शासन व्यवस्था १०६, १२०, .. शक्ति (राजनैतिक) ७३, ७४ १४५, १५४ पालवंशीय शासनशबर २५० व्यवस्था १३२, १३३, प्रतिहार शब्द नय ३८२ शासन व्यवस्था ८४, १०६ शयनागार २४८ शासनव्यवस्था विभिन्न कालों में :शर्तपूर्ण विवाह ४६०, ४६२, ४६३ मान्ध्र सातवाहन युगीन २८६, शल्य चिकित्सा ४४८, ४४६ गुप्त साम्राज्य ६६, १४८, शस्त्र १५४, १५७, १५८, १६३, १८६, २७७, मौर्य साम्राज्य १६४, १६६, १७६, १७७, . १४८, १८६, मुस्लिम शासन १७८, १७६, १८८, १९४, १०६, राष्ट्रकूट शासन १३१, २०६, ३२७ हर्षकालीन १३८ शस्त्रजीवी (क्षत्रिय) २०२, ५४३ शास्त्रजीवी (ब्राह्मण) २०२, ५४३ शस्त्रजीवी व्यवसाय २०२ शास्त्रजीवी (व्यवसाय) २०२,५४३

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