Book Title: Jain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Author(s): Mohan Chand
Publisher: Eastern Book Linkers
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शद्धि-पत्र
अशुद्ध
पंक्ति १७
इन
..
.
__२६
६०, ६१ १
१५
प्रविधियाँ धोल्का . स्वयंवर . जैन 'घोर
राजकुमारियों राजामों
वैसे
१०३ १०५ १११ ११२ १२७ १३० १३८ १४४
१६१
प्रवधियां ढोल्का स्वयम्बर जन घो राजकुमारियां राथानों बसे मेहरोत्र भुंगतान कडुच्चिप्रम् सोलंकी वन पंक्तियों वत्सदत्त तामों धमन कही गई हैं। कण्य अग्नियास्त्र सेवानों नैसर्प विधि फल-फल करते थे। इमी ईक्षुयन्त्र
१७१ १७५ १७६
मेहरोत्रा भुगतान कुडुच्चिनम् सोलंकी राजा वन पंक्तियों वत्सदन्त नामों घूमन कही गई हैं। करणय प्राग्नेयास्त्र सेनामों नैसर्प निषि . फल-फूल करते थे।
इसी ... इक्षुयन्त्र
योषित् मादि
१८४ १६२ १९४ १६९
२११
६, १३
२१२ २१३
योषिता
कस्तुरी प्रादि

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