Book Title: Jain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Author(s): Mohan Chand
Publisher: Eastern Book Linkers
View full book text
________________
२१८
एला
एलात नीप.
नीप.
वेश्या
ur radur or
२५३
२५५
जयसवाल तथ्यविरुद्ध सामन्नवादी पतन प्रार. डी. भण्डारकर
२६१
२७५
वेश्या जायसवाल तथ्यविरुद्ध सामन्तवादी पत्तन डी. पार. भण्डारकर चतुर्थ व्यापारियों के ग्राम अनन्तदेव मिष्टान्न भी
चतुर्थ
२८१ २८५ २८७
orr .von
ग्राम के व्यापारियों प्रतन्तदेव मिष्टान .
२६४ ३०६
.
मा
३२१
३३१
ग्यारह हजार
३२७
१६.. ३३१,,३३२ पाद.१.. ३३६ ३४० ३४२
१२ ३४२
पाद. ७
३४६
U
rrrr mr mr r Mr.
बधिया . . बधिया
ग्यारह लाख कुमारपालप्रतिबोष कुमारपालप्रबन्ध ईक्षुरस
इक्षुरस परिध्ययेन
परिव्ययेन वैदुर्य
वैडूर्य ३२.६४
२२.६५ पदलिप्तपुर पादलिप्तपुर अष्टालिक
अष्टाह्निक पराजित
अपराजित देवशास्त्रीन देवशास्त्रीय नौ वासुदेव/नी नारायण नी वासुदेव (नो नारायण) बारहू
बारह सन्यासी
संन्यासी धर्मप्रभावता धर्मप्रभावना शिष्टार
शिष्टाचार आयिकाओं की आयिकामों को प्राचार,
सूत्राङ्ग, नय प्रादि विषयों
का अध्ययन ईक्षुरस
इक्षुरस यशानुष्ठान
यज्ञानुष्ठान
३६० ३६०
३६८

Page Navigation
1 ... 715 716 717 718 719 720