Book Title: Jain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Author(s): Mohan Chand
Publisher: Eastern Book Linkers

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Page 692
________________ ६५८ जन संस्कृत महाकाव्यों में भारतीय समाज वस्तुओं में मिलावट २३१, २३२ कंचुक (चोली) २६६, ३००, वस्तुपाल की तीर्थयात्राएं ३४२, ३१२ ३४३, ३४४-३४७ कटिवेष्टन (कमरबन्द) २६८ वस्त्र १०२, १९३, २२६, २३४, . कमरबन्द २२६, २६८ २६६-३००, ३११, विविध कम्बल २२६, २३०, २६८ प्रकार के २६६-२६६, कासवाससः (कपास के सामान्य वस्त्र २६८, परिधान वस्त्र) २६६ वस्त्र २९८-३००, अधोभाग के कूर्पासक (कंचुक) २६६ वस्त्र २६८-१९६, ३११, ऊपरी कोशेय (रेशमी वस्त्र) २९६ भाग के वस्त्र २६८-२६६, चित्रनेत्रपट (बारीक वस्त्र) ३११, स्तनावरण वस्त्र २९६, २९७ विवाह वस्त्र ३००, स्त्रियों के चीनांशुक (चीनी शिल्का) २२६ वस्त्र २६७-३००, ३१२, पुरुषों २२६, २६७ के वस्त्र २६७-२६८, सौराष्ट्र चोल (चोली) ३०० के वस्त्र २६७, सुध्न देश के छत्र ११७ वस्त्र २६७, पर्वतीय प्रदेशों के तक्रिया १६२, २२६ वस्त्र २६७, चीनी वस्त्र २२६, त्रसर (टस्सर) २६७ २२६, २९७, नेपाल देश के त्वक् (पर्वतीय वस्त्र) २६७ रत्न कम्बल २६७, सिले हुए त्वपट (चमड़े के वस्त्र) वस्त्र २६७, ३११, ऊनी वस्त्र २६७ २६६, कपास के वस्त्र, २९६, दुकूल (दुशाला) २२६, २९८, सूक्ष्म वस्त्र २६७, चमड़े के ३०० वस्त्र २६७ द्विपट्टिका (दुपट्टा) २६८ अस्वयंज्ञा : पट (सामान्य वस्त्र) २९८ अंशुक (साड़ी) २२६, २६६,, पट क्षोम २२६ ३११, ३१२ पट्टिका (कमरबन्द) २६८ अन्तरीय २६८, २६६, ३११ पटी (दुपट्टा) २२६ २६८ मांचल २६८ पट्टा ८५ उत्तरीय (चादर) २८६, २६६ पट्टयः (दो सिले हुए वस्त्र) प्रोमक (लीनन) २६७ २६७ पोर्णकाम्बर (ऊनी वस्त्र)२६६, पारिणेत्रवसन (विषाहवस्त्र) २९७

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