Book Title: Jain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Author(s): Mohan Chand
Publisher: Eastern Book Linkers

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Page 633
________________ विषयानुक्रमणिका ५६. विशसन (खड्ग) १७५ शक्ति (शस्त्र) १६६, १७०, १६४, ३७०, ४३७ शङ्ख १६६, १७७, १७८,१७६ ४३७ शतघ्नी १६८, १७५, १७८, १८२ शर १७० शर्वला ४३७ शलाका (बाण) १७० शल्य १७६, ४३७ शस्त्री १७५ शान १८० शाङ्ग (धनुष) १७० शिरत्र १८० शिलीमुख (बाण) १७० शूल १७७, १७८, ४३७ श्रीगर्भ (खड्ग) १७५ संनाह १८० सहस्रकोटी १७६ सिदघस्त्र १८१ सीर १७४ सीसगुलिका १७२ सुचीमुख (बाण) १७१ सूर्मी १८२ स्तम्भपरध्न १७६ स्थूण १७४ हल १६६, १७६, ४३७ पायुधगति :अग्नि वर्षण १८३ प्रवडीन १७६ उड्डीन १७६ उत्थान १७२ उद्धान १७२ कर्तन १७२, १७३ क्षेपण १७२ ग्रथन १७३ घूर्णन १७३ चालन १७६ छेदन १७६ ताडन १०३ तिर्यग्लीन १७६ तोलन १७१ दलन १७३ धूनन १७६ धूमाच्छादन १८३ नापन १७१ निखात १७६ निग्रह १७६ निडीन १७६ निद्रा प्रसार १८३ पतन १७२ पातन १७६, १७७ पेषण १७२ पोथन १७२, १७६ प्रग्रह १७६ प्रसारण १७२ बन्धन १०३ भेदन १७१, १७६ भूमिलीन १७६ भ्रामण १७१, १७३, १७७ मोचन १७१ वल्गन १७१ वेधन १७२

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