Book Title: Jain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Author(s): Mohan Chand
Publisher: Eastern Book Linkers
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६४२
जैन संस्कृत महाकाव्यों में भारतीय समान प्रतिक्रमण ३६३
प्रमाणमीमांसा ३७६ प्रतिज्ञाविवाह ४८६, ४९३ प्रमाणविज्ञान ३७७ प्रतिद्वन्द्वी धर्म ४०४
प्रमाणव्यवस्थायुग ३७७ प्रतिभाशाली छात्र ४१४, ४१५ प्रव्रज्या ३६३ प्रतिमा ३३२-३३५, ३४५-३४७ प्रशासनिक पदाधिकारी १०८-१२१.
आदिनाथ की ३४६, नेमिनाथ १२३, १३६, १५३, १६०, की ३४६, सरस्वती देवी की
३६२ ३४५, सूर्यदेव की ३४७ प्रश्नोत्तरविधि ४१७, ४१६ ।" प्रतिमा का पृष्ठपट्ट ३४६ प्रश्रेणी २३३ प्रतिलोम विवाह ४८५
प्राकार (परकोटा) २४६, २५०, प्रतिशोधात्मक सिद्धान्त १०१
२५१, ३६२ प्रतिहार शासनव्यवस्था ८४, १०६ प्राकार परिखा २५० प्रतोली (गोपुर) २४६
प्राकृत (भाषा) २३,३५, ५७,१२७, प्रत्यक्ष प्रमाण ३६३, ३८१, ३९६,
१३४, १३७, १३८, ११, ३६६, ४०२ इसके तीन भेद-अवधि ज्ञान,
३२०, ४०४, ४०५, ४३०
प्राकृत कथा साहित्य ४३ मनः पर्यय ज्ञान, केवल ज्ञान
प्राच्य विद्या १,३ ३८१ प्रत्यभिज्ञा (भाव) ३९८
प्रारिणहिंसा का प्रतिषेध ३३१
प्राथमिक चिकित्सा पद्धतियां ४४६ प्रत्याख्यान ३६३
प्रान्तीय शासनव्यवस्था १११,११६, प्रदेशबन्ध ३६०
१४७ प्रधान (पद) १५४, १६६, २३३ प्रधान (प्रकृति) ३६५
प्रासाद २४८, २५२, २८६ प्रधान मंत्री (पद) ८६, ११०।
प्रेक्षागृह ३४१ प्रधान सेनापति १५३
प्रेमक्रीडाएं ४७७ प्रपा का निर्माण ३४५, ३४७
प्रेमविवाह ४७५, ४६१, ४६२,
५०६ प्रभुत्ववाद १४६
प्रोषध ३३२ प्रमुशक्ति ७३,७४, १५० प्रमत्तसंयत ३६२
फल-पुष्प-तोय ३१५.. ..
फाल्गुन मास ३४८, ३४६ . प्रमाण ३१६, ३६३, ३७७, ३७६ ३८१ ३६६
फूस का काम करने वाले २३२ पा० प्रमाण लक्षण ३८१, पांच प्रमाण फोक एपिक ३७
___ 1 फ्यूडल सिस्टम ६९

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