Book Title: Jain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Author(s): Mohan Chand
Publisher: Eastern Book Linkers

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Page 687
________________ विषयानुक्रमणिका यज्ञ / यज्ञानुष्ठान १३, १५, ३०, ५१, १४३, १४४, २०५, ३१५, ३१७, ३६७-३७०, ३६६ यज्ञों की लोकप्रियता ३६७, विविध प्रकार के यज्ञ एवं विधियां ३६८, अनिष्ट निवारण तथा अभीष्ट प्राप्ति के उपाय ३६८, यज्ञावसर पर पशुहिंसा की प्रालोचना ३६६, द्रष्टव्य 'कोटि महायज्ञ,' 'श्रग्निष्टोम यज्ञ, ' यज्ञवेदी (हवन कुण्ड ) १४४, ३६८ यज्ञोपवीत संस्कार ४०६, ४१० यदृच्छावाद ३६४ यच्छा से पदार्थोत्पत्ति ३६४, महाभारत में इसकी 'प्रहेतुवादी' संज्ञा ३६४ यन्त्र ( प्रायुध) १७०, १७४, १७८, १७६, १८८ यन्त्रपीडन (व्यवसाय) २३६ यन्त्रमुक्त श्रायुध १६८, १६६, १७३ यवन १६२, १८४ यातायात / परिवहन १५८, १५६, २१०, २१२ २२१, २२४, २३५, २३७, २३६, २४५, २५६, २६२, २७६, ३२३ पशुओं द्वारा परिवहन कार्य १५८, १५६, २१०, २११, २४५, परिवहनोपयोगी पशुहाथी, घोड़ा, गधा, खच्चर, बैल, ऊँट (द्रष्टव्य पशु-तालिका) ६५३ सैन्य परिवहन १५८, १५६, कृषि परिवहन २१०, ग्रामीण परिवहन २४५, २७६, परिवहन व्यवसाय के रूप में २३८, बोझा ढोने के साधन १५८, १५६, २२१, २३६, २४५ यातायात / परिवहन के साधन - कांवर १५६, २३५, कुली १५६ गन्त्री ( बैल गाड़ी ) १५६, २१०, २१२, २३७-२३६, २४५ २५६, २६२, नौका २२४, २३४, २६२, ३२३, पालकी १५८, २५६, रथ १६४, २३८, २७६, ३३१, वाहन / यान ३३, १५८, २०६, शकट २३७ यान ( राजनैतिक गुण) ७५ युद्ध ११, २८, ३२, ३६, ७५, ७८, ७६, ८३, ६६, ६८, ११३, ११४, ११७, १४८-१६८. १८२-२०३, २०६, १८८, २२२, २२५, ३१४.. इनकी राजनैतिक पृष्ठभूमि १४८, युद्धों के कारण १४६, दण्डनीति और युद्ध १५०-१५३, युद्ध नीति पर मन्त्रिमण्डल द्वारा विचार १५० - १५३, युद्ध सम्बन्धी दूतप्रेषण १४६, युद्ध धर्मं १५६, युद्धप्रयाण १५७१६३, युद्धों के भेद १६३-१६७ युद्धभूमि १६७ युद्ध कला ५३, १४, १६३-१६७, १८७, १८८२०३, २०६

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