Book Title: Jain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Author(s): Mohan Chand
Publisher: Eastern Book Linkers

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Page 686
________________ जैन संस्कृत महाकाव्यों में भारतीय समाजे १२६-१२८, १३२, घोष ग्रामों मुर्गों की उछल कूद २२२, २५४, के १३०, परिवारों के १३३ २५६, २७६ मुद्रा/मुहर/सिक्के २२६-२३१, २७५, मुर्गों की लड़ाई २२२, २३० २७६ मूर्तिक द्रव्य ३८६ कर्पद २३१ मूलनगर २८२ कर्ष २३१ मुषिक (जन) ५२८ काकणी/काकिणी २३०, २३१ मुस्लिम शासन व्यवस्था १०६ कार्षापण २३०, २३१ . मेदलुम्प (जाति) २७७, २७८ केवडिक २२६ मेहतर १२७ . डिनेरियस २३० मेहता १२७ दीनार २१५, २२६, २२८, मेहरा/मेहरू १३३.. २२६, ३३१ मेहर/मैहरो/महर १२७ निष्क २३०, २३१ मेहेर १३३ नेलक २३० मोक्ष (तत्त्व) १६, ३२, ८८, १८७, पण २३० ३८४, ३६१, ३९२, ३९५, पल २३१ मयूरांक २२६ परिभाषा ३९१, भव्य जीव राजमुद्रा २७६ का मोक्ष ३६१, इसके उपायरूपक/रूप्य २३० ज्ञान-दर्शन-चारित्र. ३६१, विशतिक २३० सम्यग्ज्ञान ३९२, सम्यग्दर्शन शूर्प २३० ३६२, सम्यक्चारित्र, ३९२, साभरक २३० कर्मों का क्षय-मोक्ष ३६२, मोक्ष सुवर्ण/स्वर्णमुद्रा १६६, २२६ की अवस्था ३९२ मोक्षप्राप्ति ३२५, ३६०, ३७७, स्टैण्डर्ड मुद्रा २३१ ३६२ मुद्रा संचय २४० . .. मुद्रिता सभा २७६ ___ मोनिटोरियल सिस्टम ४१४ मुनि धर्म १४, ३१४, ३२५, ३२६, मोहनीय कर्म ३८६, ३९० ३५६-३६७, ४०४ मौखिक गाथा ३७, ३६ मुनि विहार ३५३, ३५४, ३६५ मौर्य साम्राज्य ५१२, ५२८ । ३६६ मौहूर्तिक २०४, ४२७ मुर्गापालन (व्यवसाय) २२२ म्युनिस्पिल शासन २६६

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