Book Title: Jain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Author(s): Mohan Chand
Publisher: Eastern Book Linkers

View full book text
Previous | Next

Page 649
________________ विषयानुक्रमणिका चैतन्य का प्रभाव ३८६ चैत्रमास ३४६ चैम्बर ऑफ कॉमर्स २६४, २६५, २७५ चोर / डाकू / दस्यु / तस्कर १०३, १०४, ११, २२५, २२६, २३३ चोरी करना ( व्यवसाय ) १०३, २३८ चोरी की वस्तुएं १०४ चोरों का प्रातङ्क १०४ चोरों पर नियन्त्रण १०५ चौदह नदियाँ ५११ चौदह पूर्वो की विद्याएं ४२४ चौदह बिद्याएं (वैदिक) २०६, ४०७-४०६, ४२५, ४२७ चौसठ कलाएं ४२३, ४२४ छेकिल (सम्प्रदाय) ३७२ जंगम जीव ३६२० जगत् ३:६३/३६४, ४०१ जगत् को उत्पत्ति ३६७ जड़-चेतन ३ जड़ पदार्थ, ६ प जनपद ७०, ११६६, २६६, २३०. २७४, २७५,२७७, २७६, ५१२, ५१३ जनपद निवासी २६६ जनपदीय भाषा १२५ जमींदा १३६, १४२, १६५, १६६ जमींदार कृषक २६६ जमींदार सामन्त १२५. जमींदारी प्रथा १९०, २३६, ३२७ जम्बू द्वीप ५१० ५११ इसकी जैन भूगोलीय स्थिति इसके अन्तर्गत सात क्षेत्र, ५४०, छह कुलाचल, चौदह नदियाँ ५११ जरासंध २५१ जल (तत्व) ३६६, ४०० जलगृह २५२, ३४५ जल परिखा २४६ ६१५ जलयात्रा ३४६ जलशाला का गवाक्ष निर्माण ३४५ जलाशय / सरोवर १६२, २२१, २२३. २४४, २४६, २५१, ३३,३, ३३४ जातक की जन्मकुण्डली ४५१, ४५२ जातक - ग्रन्थ १२, २६, ३४, २६६, २७२, २६० जाति / जातिव्यवस्था १३३, १४२, २०१, २०४, ३१०, ३१५-३१७, ३७६. का विरोध ३१७, ३७६, मनुष्य जाति का एकत्व ३१६, ३११, निम्न वर्ण की जातियां १३३, २९४, ३३० जाति प्रमुख १२५ जाति विद्या ४२३ जाति स्मरण ३५७ १३४, २४६, ३२१. जानपद २६६, २६७, २७०, २७६, २६०, राज्य की संवैधानिक समिति २७०

Loading...

Page Navigation
1 ... 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720