Book Title: Jain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Author(s): Mohan Chand
Publisher: Eastern Book Linkers
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५७०
दुर्लभराज (तृतीय) १४४ दुःशलदेव १४३ दुष्यन्त ४६५
जैन संस्कृत महाकाव्यों में भारतीय समाज
२५४, २५, २६८, ३००, ३०६, ३८४, ३६०, ३६१, ४७७, ४७८, ४७६, ४८१, ४५६, ४६०, ४१०, ४६६, ५०३, ५०४, ५०७, ५२३, ५२६ धर्मसेन (राजा) ८१, ८६-६१,
देवण्णभट्ट २८८, ४८४ देवदत्त (वाणिक्पुत्र) ४९२
देवपाल १२५
देवसेन (राजा) ६५, १५१,४८७,
४६३ देवानन्दमहाकाव्य ४३५
- देशीनाममाला १२७, १३७, १३८, १४०
द्वयाश्रय ४७, ४८, ५७, ५८, ८७, EE, ११५, ११७, १४५, १४७ १६६, २११, २३०, २९४, २६७, ३३८, ३४३, ३६७, ३६८, ४२६, ४३१, ४३४, • ४३५, ४४५, ५००, ५०५ दिसन्धान ४०, ४२, ४६, ४८.५२,
५३, ७०, ७१, ७४, ७६,७७, ८७, ६७, ११५, १५५, १६१,
१६२, २०६, २११, २२८, २५३, २५५, २९२, ३०४, ३०५, ३०७, ३१०, ४०९, ४१०, ४१८, ४१६ ४२६,
४३४, ४३५, ४४६
धनञ्जय ४६, ४८, ५२, २५३
धम्मपदटीका २७३
धरणीध्वज (राजा) ४९ १
धर्मनाथ (राजा) ८२, ८२, ४७७, ४८९, ४२०, ५०३, ५०४ धर्मशर्माभ्युदय ४६, ४८, ५४,५७ ८१, ११८, २१३, २३६,
३४०, ५०७
धवलाटीका ५२
घृतिसेन (राजा) ४८६
नन्द १०७
नन्दन १४३.
नन्न ( महत्तर) १३१
नयचन्द्र सूरी ४६, ४८, ६३,६४,
४०३ नरदेव १४३, १४४ नरनारायणानन्द ३२, ४६,
१६, ४३५, ४७७ नरेन्द्र (राजा) १३१ नवसाहसाङ्कचरित ४७ नागार्जुन ३७५ नानार्थ मंजरीकोष, २८३ नारदस्मृति २८७, २८८ निबेलुगेनलीड ३८ निशीयसूत्र २३०
निशीथ सूत्रभाष्य १२६, २२६ नीतिप्रकाशिका ७१, १५५, १६८,
१६६, १७१-१७८
नीतिवाक्यामृत १७, १३६ नीलमतपुराण ५२५ नेपाली कवि १७७
नेमिचन्द्र ( टीकाकार) ७१, ७२, ७, १५५, २०६, २५५
४८,

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