Book Title: Jain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Author(s): Mohan Chand
Publisher: Eastern Book Linkers
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जैन संस्कृत महाकाव्यों में भारतीय समाज
की माला ३४२ मंगे की माला ३४२ मुकुट ३०३, रत्नमणिजटित
मुकुट ३३७ मुक्तावली ३०७, केशबन्च
मुक्तावलि ३०४ .. मुद्रिका (अंगूठी) ३०५, ३०६
मरिण मुद्रिका ३०९ मेखला (नीवीबन्ध) १६३,
३०६, मणिमेखला १६३ मौक्तिक दाम (माला) ३०६ यष्टि (हार) ३०५, २०६, हारयष्टि ३०६, ग्यारह
प्रकार के भेद ३०५ रत्नावली ३७७ रसना (कटिप्रदेशाभूषण) ३०२,
३०६, ३१० वत्सदाम (माला) ३०७, श्रीवत्स
मरिण युक्त ३०७ . वलय (कलाई का माभूषण)
३०३, ३०८, शंखवलय ३०८,
सींगों से निर्मित वलय ३०८ शिखाबन्ध ३०३ शीर्षफल (सीसफूल) ३०३ शेखर (जूड़े की मोला) ३०४ हार १६३, ३०५, ३७७, मुक्ताहार ३०५, मणिहार ३०५, रत्नहार ३०५, चन्द्रहार १६३, हारों के ५५ प्रकार ३०५ हारयष्टि (इकहरी माला) ३०६ हारलता .३०५, ३०६,
मौक्तिक हारलता ३०५ हारलतिका (छोटी माला) ३०६
आयन (काल खण्ड) ३५६ प्रायात-निर्यात २२४, २६१ प्रायु (बन्ध) ३६० आयुध १५७, १६३, १६७, १६८-१८४, १९४, २०६,२२६,
२३७, ३२७ आयुध संज्ञा :
अग्निबाण १७१ अंकुश १६८, २२३ अधोमुख (बाण) १७० अमोघ (बाण) १७० अर्गला १८० अर्धचन्द्र (बाण) १७१ असि १७५, ४३७ प्रसिधेनु १७४ असिपुत्रिका १७५ प्रारा १७६ प्रास्तर १७४ : ईलो १७४, १७६ उद्यमास्त्र १८१ ऊर्ध्वमुख (बारण) १७० ऋष्टि १६८ एटमबम १८२, १८३.
कटारी १७५ .
करणय १६६, १:६, ४३७ कम्पन १६६, ४३७ करपत्र १६६ कर्तरि १६६ कवच १६४, १८०, ३२३ काण्ड (बाण) १७१ कुदाल १६६ कुन्त १६६, १७४, १७६, ४३७
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