Book Title: Jain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Author(s): Mohan Chand
Publisher: Eastern Book Linkers

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Page 613
________________ स्थानानुक्रमणिका (खेट, ग्राम, निगम, पुर, नगर, देश, प्रदेश, पर्वत, नदी, धार्मिक तीर्थस्थान, श्रादि की भौगोलिक एवं प्रशासकीय संज्ञाएँ । इनमें से काले अक्षरों वाली भौगोलिक संज्ञाएँ आलोच्य जैन महाकाव्यों में निर्दिष्ट हैं । कवालय ग्राम (तीर्थ) ३४६ अङ्गवेश ५०४, ५१२, ५२३, ५२४ श्रङ्गुत्तराप जनपद २७८ अचलपुर ५३८ अजन्ता २८ अजमेर १४३ जयमेरुपुर ५३८ अजिरवती / श्रचिरवती नदी ५१६ जीर्णवती नदी ५१६ राहिलपत्तन ५३८ हिलवाडपाटण (जैन तीर्थं ) ६०, ३४२-३४६, ३७१ अनुपिय निगम २७३ अन्ध पर्वत ५१६ अन्धेला नदी ५१६ परविदेह क्षेत्र ५२२, ५२८, ५३२ अपरान्तक ५२७ अफगानिस्तान ५२६ अभूमक ५३८ अमरकण्टक ( पर्वतमाला ) ५२०० ५२१, ५२३ अमरावती २५६, २७३, ५२७, ५३८ अमेरिका १६०, २४० अम्भोरा नदी २५६ अयोध्या ५१८ अरबसागर ५१८, ५२०, ५२२, ५३४ रावलि (पर्वतमाला ) ५१४ रिजय ५३१ पालितग्राम (तीर्थ) ३४६ अर्बुदाचल (जैन तीर्थ ) ३४७, ३४९ ५१५ अलंका ५३८ अल्मोड़ा २८७, ३०३ अवध ५१८, ५२३ अवन्तिमण्डल १०६ पा० अबेन्ती ५२३, ५३४ श्रवन्ती नदी ५२१ अलका ५३० प्रलङ्का ५३८ अल्ताई पर्वत ५१७ अल्वर ५१६ अश्मक ५३७ प्रश्वत्थ खेटक २५ε अश्वत्थक ५३८ प्रष्टादशशत मण्डल १०६ पा० असीनाला ५२४ अहमदाबाद ५२६ श्राग्नक ५३८ प्राबदरी (अम्बाला) ५१६ प्रानर्तपुर १८, २५१, ५३८ श्रान्ध्र / प्रान्ध्र प्रदेश २५५, ५१७, ५१६, ५२७, ५३० प्राबुप्रान्त १०६ पा० श्रामीर देश ५२१, ५२८ शाम्रपुरी ५३८ ५११,

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