Book Title: Jain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Author(s): Mohan Chand
Publisher: Eastern Book Linkers

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Page 609
________________ नामानुक्रमणिका ४१७, ४२७, ४३१; ४३५, ४३७,, ४४३, ४५२, ४६९- ४७१, ४७४-४७६, ४७८, ४८३, ४८४, ४८६, ४८७, ४६१, ४६३, ४९६, ४ε७, ५०४, ५०६, ५१८, ५३१ वराहमिहिर ४६६, ४६७ वर्जिल ३८ वर्धमानचरित ४५, ४८, ५४, १६२, २०४, २११. २५४, ३२२, ३६२, ४१०, ४४१, ४५१, -४५२, ४७७ वर्धमान महावीर २५, ४७, १३५, ४२४, ३६३, ५२० बल्लभराज १४३, १४५ १४५, १४७, २६८, वसन्तविलास ४७, ४८, ६१, ६२, २६६, ३०८, ३४४, ४७८, ५१४, ५२४, ५३५ संत १३६ वशिष्ठ १४४ वशिष्ठ धर्मसूत्र १३, ४५६ वसुदेवडी, ४६ वसुनन्दिश्रावकाचार ३३७ वसुन्धरा ( राजकुमारी) ४७७ वस्तुपान ४२, ४७, ४८, ५६-६२, १४५, १४६, २०५, ३२२ ३३६, ३३८, ३४०, ३७२, ३४२-४४७, ३५०, ४०४, ४३५ वस्तुपालचरित ६२, ३४६, ३४७. वाक्पति ४२८, ४३५ वाक्पतिराज ( प्रथम ) १४४ वाक्पति राज (द्वितीय) १४४ ५७५ वाग्भट (कवि ) ४६, ४८, ५६, ५७ वाग्भट (काव्यशास्त्री) ३३, ३४ वाग्भट (मंत्री) ३३०, ३४७ वाग्भट (राजा) १४३, १४४ वाग्भट ( प्रथम ) ५६ 'वाग्भट (द्वितीय) ५६ वाग्भटालंकार ५६ वाङ्मयार्णवकोष २८३ वाचस्पति ( कोषकार) २८४ वाचस्पतिकोष २६२ वाचस्पतिमिश्र ३७८ वात्स्यायन ४६, २८१, ४२३, ४२४ वात्स्यायन (दार्शनिक) ३७६ वादिराजसूरी ४५, ४८,५४, ५६ वादीभ सिंह ४१० वामन. १६ वायुपुराण १३४, १३५, ५२० वाल्मीकि ५२० वासुदेव (राजा) १४३, १४४ वासुदेवशरण अग्रवाल १, १४०, २३०, २७१, २७२, ५३७ विक्रमाङ्कदेवचरित ४७ विक्रमादित्य १४४, ३२२ विग्रहराज १४३ विग्रहराज ( प्रथम ) १४४ विग्रहराज (द्वितीय) १४४ विग्रहराज (तृतीय) १४४ विग्रहराज (चतुर्थ) १४४ विजय ( सामन्त ) ८७ विजयकस्तूर सूरि २८४ विजयादित्य ३२२ विज्ञानेश्वर ( टीकाकार) २८८

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