Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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34... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
यह मुद्रा खड़े रहकर की जाती है। सुपरिणाम
• इस मुद्रा के द्वारा आकाश तत्त्व संतुलित होता है। हृदय सम्बन्धी विकारों को दूर करने में तथा आन्तरिक आनंद की अनुभूति में यह लाभदायी है। • आज्ञा चक्र को प्रभावित करते हुए यह मुद्रा बुद्धि को कुशाग्र एवं मानसिक शान्ति प्रदान करती है। • इस मुद्रा के द्वारा हृदय सम्बन्धी रोगों का निवारण होता है। पिनियल एवं पीयूष ग्रन्थि के स्राव को नियमित कर यह मुद्रा मानसिक तनावों से मुक्त करती है। 2. ध्यान मुद्रा
विशेष रूप से सूक्ष्म चिंतन, चित्त की एकाग्रता अथवा धार्मिक मनन ध्यान कहलाता है। इस मुद्रा के अन्य नाम ध्यान हस्त मुद्रा, समाधि मुद्रा, योग मुद्रा
आदि है। चीन में यह मुद्रा टिंग-यिन, जापान में जो- इन, थायलैंड में पेंग-फ्रानेंग और तिब्बत में ग्तान-फ्याग्रग्या मुद्रा के नाम से पहचानी जाती है।
ध्यान मुद्रा