Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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92... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
प्रतिमाओं एवं प्राचीन चित्रों में प्राप्त होती है । इन मुद्राओं का आचरण कुछ रहस्यमयी तत्त्वों का द्योतक तो है ही साथ ही साथ यह भगवान के जीवन से Direct Connection भी जोड़ती है ।
यह मुद्राएँ सद्भावों का वर्धन मानसिक शांति, शारीरिक तंदरूस्ती एवं रोग निदान में सहायक बने यही इस अध्याय का ध्येय है।
सन्दर्भ सूची
1. BBh-द इण्डियन बुद्धिस्ट आइकोनोग्राफी मेन्ली बेस्ड ऑन साधनामाला एण्ड अदर फोगनेट तान्त्रिक टेक्स्ट ऑफ रिचवलस, बेनोइटोश भट्टाचार्य, पृ. 189,
कलकत्ता 1958
-
2. (क) BBH, पृ. 192
(ख) AKG - द आइकोनोग्राफी ऑफ तिब्बेतियन लामाइज्म, एन्टोइनेटे के. गोर्डन, दिल्ली 1978, पृ. 20
(ग) BCO - मिस्टिक ऑफ एन्शियन्ट तिब्बत, ओल्श्चाक बलान्चे सी., लंदन 1988, पृ. 218
(घ) ERJ - द बुक ऑफ हिन्दू इमेजरी, द बुक ऑफ बुद्धास्, जेन्सन एवा रूड़ी, पृ. 11, 23
3. (क)
BBH, पृ. 190
(TT) BCO, पृ. 214
(घ)
EDS, मुद्रा ए स्टूडी ऑफ सिम्बोलिक गेश्चरस इन जेपनिज् बुद्धिस्ट स्कल्पचर, इ. डाले साउण्डर्स, पृ. 80
(ख) AKG, पृ. 20
4. (क) BBH, पृ. 192
(ग) BCO, पृ. 145
(घ)
(ख) AKG, पृ. 20
RSG, आइकोनोग्राफी ऑफ द हिन्दूज़ बुद्धिस्ट एण्ड जैनस्, रमेश एस गुप्ते, बाम्बे 1972, पृ. 3
5. (क)
DRN, मोन्युमेन्ट्स ऑफ बुद्ध इन सी एम, डेमरोम राजानुभाव, पृ. 35 (ख) JBO, द हेरिटेज ऑफ थाइ स्कलचर, जीन बाइसेलियर, पृ. 204
6. (क)
(ख)
JBO, पृ. 204
DRN, पृ. 35