Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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भारतीय बौद्ध में प्रचलित मुद्राओं का स्वरूप एवं उनका महत्त्व ...279
• यह मानसिक शान्ति एवं वैचारिक परिवर्तन में सहायक बनती है। ऊर्जा के ह्रास या विकास में भी यह सहयोगी है। 6. गंध मुद्रा-1
भारतीय बौद्ध की वज्रायन परम्परा में गंध मुद्रा के दो प्रकार प्रचलित हैं। प्रयोजन की दृष्टि से दोनों समान हैं, केवल मुद्राओं के तरीके में भिन्नता है। यह पाँच प्रकार की पूजाओं में से एक है तथा गंध (सुगंध) की सूचक है। ___ गंधपूजा मन्त्र- 'ओम् गुरु सर्व तथागत गन्ध पूजा मेघा-समुद्र-स्फरणा समये हुम्।' प्रथम प्रकार ___ यह संयुक्त हाथों से प्रतिबिम्ब की भाँति होती है। हथेलियों को अधोमुख करके उन्हें मुट्ठी रूप में बांधे। फिर ठुड्डी के नीचे दोनों मुट्ठियों को निकट रखने पर गंध मुद्रा बनती है।
गंध मुद्रा-1