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408... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन सुपरिणाम
चक्र- मणिपुर, अनाहत एवं मूलाधार चक्र तत्त्व- अग्नि, वायु एवं पृथ्वी तत्त्व अन्थि- एड्रीनल, पैन्क्रियाज, थायमस एवं प्रजनन ग्रन्थि केन्द्र- तैजस, आनंद एवं शक्ति केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- यकृत, तिल्ली, आँते, नाड़ी तंत्र, पाचन तंत्र, रक्त संचरण तत्र, हृदय, फेफड़ें, भुजाएँ, मेरूदण्ड, गुर्दे, पैर। 84. स-इन् मुद्रा
प्रस्तुत मुद्रा भारत में वज्र श्रृंखला मुद्रा के नाम से प्रचलित है। स्वरूपतः यह मुद्रा देवी-देवता के मंदिरों की सीमा में रहने की सूचक है। इसे छाती के स्तर पर धारण करते हैं। शेष वर्णन पूर्ववत। विधि
दोनों हाथों को मुट्ठी रूप में बनाकर उन्हें कलाई पर Cross करते हुए रखना 'स-इन्' मुद्रा है। इसमें अंगूठे बाहर, बायीं मुट्ठी दायीं के सामने तथा अंगूठे स्पर्शित रहते हैं।100
स-इन् मुद्रा