Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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414... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन सुपरिणाम
चक्र- मणिपुर एवं मूलाधार चक्र तत्त्व- अग्नि एवं पृथ्वी तत्त्व ग्रन्थिएड्रीनल,पैन्क्रियाज एवं प्रजनन ग्रन्थि केन्द्र- तैजस एवं शक्ति केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- यकृत, तिल्ली, आँतें, नाड़ी तंत्र, पाचन तंत्र, मेरूदण्ड, गुर्दे,
पैर।
द्वितीय प्रकार
दूसरे प्रकार में हथेलियाँ मध्यभाग की तरफ,अनामिका, मध्यमा और कनिष्ठिका हथेली में मुड़ी हुई, अंगूठा अनामिका के अग्रभाग को स्पर्श करता हुआ, दोनों हाथ झुकी हुई कनिष्ठिका पर स्पर्श करते हुए तथा मध्यमा अग्रभाग पर स्पर्श करती हुई रहती है इस भाँति शंख मुद्रा बनती है।106
शंख मुद्रा-2 सुपरिणाम
चक्र- अनाहत एवं सहस्रार चक्र तत्त्व- वायु एवं आकाश तत्त्व ग्रन्थिथायमस एवं पिनियल ग्रन्थि केन्द्र- आनंद एवं ज्योति केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- हृदय, फेफड़ें, भुजाएँ, रक्त संचार प्रणाली, ऊपरी मस्तिष्क एवं आँख।