Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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416... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
90. सीमाबन्ध मुद्रा
यह तान्त्रिक मुद्रा वज्रधातु मण्डल की पूजोपासना से सम्बन्धित एवं 'जेन्इन्' मुद्रा के समान है। शेष वर्णन पूर्ववत ।
विधि
उभय हथेलियों को बाहर की तरफ रखते हुए तर्जनियों को सीधा रखें, शेष अंगुलियों को अंगूठे के साथ हथेली की तरफ मोड़ें। पश्चात दोनों हाथों को थोड़ा सा इस भाँति घुमायें जिससे दोनों तर्जनियाँ मध्यभाग की तरफ इंगित कर सकें तथा बायां हाथ दायें हाथ से थोड़ा नीचे रह सकें, यह सीमाबन्ध मुद्रा कहलाती है। 108
सीमाबन्ध मुद्रा का दूसरा प्रकार वज्रबंध मुद्रा के समान जानना चाहिए।
सीमाबन्ध मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र - मूलाधार एवं सहस्रार तत्त्व - पृथ्वी एवं आकाश तत्त्व ग्रन्थि - प्रजनन एवं पिनियल ग्रंथि केन्द्र - शक्ति एवं ज्योति केन्द्र विशेष प्रभावित अंग - मेरुदण्ड, गुर्दे, पैर, ऊपरी मस्तिष्क एवं आँख।