Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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456... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
दुर्बलता - अर्धम मुद्रा, विद्या मुद्रा, घण्टा वदना मुद्रा, धूप मुद्रा । न्यूमोनिया - अभिद बुत्सु सेप्पौ इन् मुद्रा-5, बसर उन् कोंगौ इन् मुद्रा, बुद्धाश्रमण मुद्रा, चि केन् इन् मुद्रा, किम्योगस्सहौ मुद्रा, महा ज्ञान खड्ग मुद्रा, रेन् रेंजे इन् मुद्रा, तथागत वचन मुद्रा ।
नकसीर - बुप्पत्सु इन् मुद्रा, चक्ररत्न मुद्रा, पेंगतुक्कर किरिय मुद्रा, त्रिशूल मुद्रा, पोथी मुद्रा |
नाक बंद हो जाना- पेंगू तुक्करकिरिय मुद्रा, त्रिशरण मुद्रा, अधिष्ठान मुद्रा, तैजस् बोधि सत्त्व मुद्रा, पद्म मुद्रा, सूत्र मुद्रा।
निम्न रक्त चाप - अभिषेक मुद्रा, अन्जन इन् मुद्रा, ज्ञान अवलोकितेश्वर मुद्रा, चक्ररत्न मुद्रा |
नपुंसकता— आह्वान मुद्रा, अभिद - बुत्सु - सेप्पौ - इन् मुद्रा - 1, कोंगौरिन् इन् मुद्रा, सौ कौ शु गौ इन् मुद्रा, तथागत कुक्षि मुद्रा ।
पोलियो - अन् आय शोशु इन् मुद्रा, कौतकु मुद्रा, मुशोफुशि इन् मुद्रा2, शंख मुद्रा, सौ कौ शु गौ शु गौ इन् मुद्रा, वज्र मुष्टि मुद्रा ।
पक्षाघात- अन् आय शोशु इन् मुद्रा, कोंगौ गस्सहौ मुद्रा, ओंग्यौ इन् मुद्रा, शब्द मुद्रा, बकु जौ इन् मुद्रा, चौ बुत्सु कु इन् मुद्रा, चौ कोंगौ रेंजे इन् मुद्रा, धर्मचक्र प्रवर्त्तन मुद्रा, जौ रेंजे इन् मुद्रा।
पित्ताशय सम्बन्धी समस्याएँ (पथरी, पित्ताशय क्षेत्र में दर्द, पित्ताशय की नली में गांठ (Billory Tumour ) पीलिया) - ध्यान मुद्रा, वज्रस्पर्शे मुद्रा, धूप मुद्रा, कौतकु मुद्रा, कोंगौरिन् इन् मुद्रा, मुशोफशि इन् मुद्रा, सन् को इन् मुद्रा2, शंख मुद्रा, तथागत वचन मुद्रा ।
प्लीहा (Spleen) सम्बन्धी रोग (प्लीहा का बढ़ना (Splenomegaly), दूषित एवं संक्रमित रक्त, ठंड के साथ बुखार, थकान, सुस्ती, कमजोरी, शक की बीमारी) - बुत्सुबुसम्मय इन् मुद्रा।
पाचन समस्या- चक्र रत्न मुद्रा, जौ रेंजे इन् मुद्रा, कवच मुद्रा, कौतकु मुद्रा, कोंगौरिन् इन् मुद्रा, सन् को इन् मुद्रा -2 |
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