Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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422... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
तथागत वचन मुद्रा अनाहत चक्र को प्रभावित करते हुए यह मुद्रा संकल्प बल एवं पराक्रम को बढ़ाती है तथा उदारता, सहकारिता, परमार्थ वृत्ति जैसे भावों का निर्माण करती है। मनोविकारों का उपशमन करती है। • तैजस एवं आनंद केन्द्र को जागृत करते हुए हृदय एवं पाचन तन्त्र सम्बन्धी कार्यों को नियमित एवं नियंत्रित रखती है। एड्रिनल, पैन्क्रियाज एवं थायमस ग्रन्थि के स्राव को संतुलित करते हए यह मुद्रा साधक को साहसी, निर्भयी, सहनशील एवं आशावादी बनाती है। 96. तेजस्-बोधिसत्त्व मुद्रा
यह एक आध्यात्मिक मुद्रा है। इसे गर्भधातु मण्डल आदि धार्मिक क्रियाओं के दौरान करते हैं। शेष वर्णन पूर्ववत। विधि ___दोनों हथेलियों को बाहर की तरफ करते हुए अंगुलियों को पृथक-पथक फैलायें, अंगूठों को परस्पर स्पर्श किये हुए सीधा रखें तथा तर्जनी के अग्रभागों को मिलाने पर तेजस्-बोधिसत्त्व मुद्रा बनती है।114