Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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438... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
वजमुष्टि मुद्रा-3 करती है। इसी के साथ पेट के पर्दे के नीचे स्थित सभी अवयवों के कार्य का भी नियमन करती है। • पिच्युटरी एवं नाभि केन्द्र के स्राव को सक्रिय कर निर्णायक शक्ति, स्मरणशक्ति, देखने-सुनने की शक्ति का नियमन करती है। बालकों में हीन वृत्ति, स्वच्छंदता, भावशून्यता एवं शरारतों पर नियंत्रण करती है। 107. वज्रसत्त्व मुद्रा
__ यह मुद्रा गर्भधातु मण्डल, वज्रधातु मण्डल आदि धार्मिक क्रियाओं के दौरान दिखायी जाती है। यह वज्र सत्त्व मुद्रा बोधिसत्त्व की सूचक है। शेष वर्णन पूर्ववत। विधि ____ हथेलियों को मध्यभाग में करके द्वयांगुष्ठों को ऊपर उठायें, तर्जनी को बाहर की तरफ से अन्तर्ग्रथित करें, मध्यमा को ऊर्ध्वदिशा में सीधा रखें तथा अनामिका और कनिष्ठिका को अग्रभाग पर अन्तर्ग्रथित करने पर वज्रसत्त्व मुद्रा बनती है।129